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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देशभर में गणेश उत्सव की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं, ऐसे में मुंबई के सबसे प्रसिद्ध 'लालबाग के राजा' की पहली झलक सामने आ गई है, जिसने भक्तों में काफ़ी उत्साह पैदा कर दिया है। इस साल बप्पा भव्य बैंगनी वस्त्र, सिर पर दिव्य मुकुट और हाथ में चक्र धारण किए हुए नज़र आ रहे हैं, जो भक्तों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। भाद्रपद माह में पड़ने वाली गणेश चतुर्थी से पहले होने वाले इस प्रथम दर्शन को शिविरंबम भी कहा जाता है, जो आस्था और आशा का प्रतीक है।

मुंबई के प्रसिद्ध 'लालबागचा राजा' की 2025 की पहली झलक जारी हो गई है, जिससे भक्तों का लंबा इंतज़ार खत्म हो गया है। गणेश चतुर्थी से पहले होने वाले इस प्रथम दर्शन को 'शिविरंबम' कहा जाता है। इस वर्ष बप्पा बैंगनी मलमल के वस्त्र पहने, सिर पर भव्य मुकुट और हाथ में सुंदर चक्र लिए दिव्य स्वरूप में विराजमान हैं। इस मूर्ति को 'नवसच्चा गणपति' (इच्छा पूरी करने वाले गणपति) भी कहा जाता है और इसके दर्शन के लिए 40 घंटे तक कतार में खड़े रहते हैं। इस वर्ष गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को मनाया जाएगा और 10 दिनों तक चलेगा।

लालबागचा राजा के प्रथम दर्शन का महत्व

गणेश उत्सव की शुरुआत लालबागचा राजा, जिन्हें मराठी में 'शिविरम्बम' कहा जाता है, के दर्शन से होती है। यह सिर्फ़ एक तस्वीर नहीं, बल्कि भक्तों की आस्था, आशा और भक्ति का प्रतीक है। इस मूर्ति को "नवसच्चा गणपति" के नाम से जाना जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यह भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करती हैं। इसी वजह से, हर साल लाखों भक्त दूर-दूर से उनके दर्शन के लिए आते हैं, कभी-कभी तो 40 घंटे तक कतारों में खड़े रहते हैं।

इस साल बप्पा की सजावट

इस साल लालबाग़ के बप्पा बैंगनी मलमल के वस्त्र पहने नज़र आ रहे हैं, जो बेहद आकर्षक लग रहे हैं। उनके वस्त्रों की शोभा बढ़ाने के लिए उनके गले में तीन रंगों से बनी माला पहनाई गई है। बप्पा के हाथ में चक्र भी दो रंगों का इस्तेमाल करके खूबसूरती से बनाया गया है। इस साल उनका दिव्य मुकुट भी खास आकर्षण बना है। पिछले साल 20 किलो सोने का मुकुट इस्तेमाल किया गया था, जिससे पता चलता है कि इस साल भी सजावट में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है।

गणेश चतुर्थी उत्सव

हिंदू धर्म में भाद्रपद माह का विशेष महत्व है। इस माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को है। यह पर्व 10 दिनों तक चलता है, जिसमें गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा की जाती है और गणेश उत्सव श्रद्धापूर्वक मनाया जाता है। लालबाग के राजा के प्रथम दर्शन से भक्तों में यह उत्साह और बढ़ जाता है।