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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जैसे ही किसी युवा की अचानक मौत की खबर आती है, लोग इसे कोविड वैक्सीन से जोड़ना शुरू कर देते हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह की अफवाहें और डर फैल रहे हैं, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के एक अध्ययन ने स्पष्ट किया है कि कोविड वैक्सीन का कार्डियक अरेस्ट से सीधा संबंध नहीं है। दरअसल, इसके पीछे कुछ और गंभीर कारण हैं, जो हमारी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े हैं। अगर समय रहते इस पर ध्यान न दिया जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। आइए जानते हैं कार्डियक अरेस्ट के असली कारण, जो वैक्सीन से नहीं, बल्कि हमारी लाइफस्टाइल से जुड़े हैं।

आईसीएमआर का अध्ययन क्या कहता है?

आईसीएमआर द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि हृदयाघात से मरने वाले अधिकांश लोगों में कोविड वैक्सीन का कोई संबंध नहीं था। इसके बजाय, उनकी जीवनशैली और पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियाँ ही मुख्य कारण थीं।

अस्वस्थ जीवन शैली

अनियमित खान-पान, अत्यधिक जंक फूड, व्यायाम की कमी, नींद की कमी और अत्यधिक तनाव।

आनुवंशिक कारक

अगर आपके परिवार में किसी को दिल की बीमारी रही है तो यह आपके लिए भी खतरनाक हो सकता है। ऐसे में समय-समय पर जांच करवाना और डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल

उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल धीरे-धीरे हृदय की धमनियों में रुकावट पैदा करते हैं, जिससे अचानक हृदयाघात हो सकता है।

मधुमेह और मोटापा

मधुमेह और अधिक वजन भी हृदय स्वास्थ्य को खराब करते हैं। यह चयापचय को कमजोर करता है और हृदय पर अतिरिक्त दबाव डालता है।

धूम्रपान और शराब का सेवन

ये आदतें हृदय को नुकसान पहुंचाती हैं और धमनियों को संकीर्ण कर देती हैं, जिससे हृदयाघात का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

कोविड वैक्सीन को लेकर फैलाया जा रहा डर गलत धारणाओं पर आधारित है। असली खतरा हमारी बिगड़ती दिनचर्या और जीवनशैली में है। सही खान-पान, नियमित व्यायाम, तनाव कम करने और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाकर हम इस खतरे से काफी हद तक बच सकते हैं। अफवाहों से दूर रहना, वास्तविक तथ्यों पर भरोसा करना और अपने दिल की सेहत का खुद ख्याल रखना जरूरी है।