Prabhat Vaibhav,Digital Desk : जिला परिषद में इन दिनों निविदा प्रक्रिया और अध्यक्ष पद से इस्तीफे को लेकर माहौल काफी गर्म है। नाथनगर से नवनिर्वाचित विधायक बने मिथुन कुमार यादव के जिला परिषद अध्यक्ष पद पर बने रहने पर कई सदस्य सवाल उठा रहे हैं। उनका कहना है कि इससे कार्य बाधित हो रहे हैं। वहीं मिथुन यादव ने साफ कहा है कि इस्तीफा तय है, लेकिन यह पूरी तरह नियमों के अनुसार ही दिया जाएगा, और इस पर अनावश्यक राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मिथुन ने यह भी स्पष्ट किया कि निविदा एक पूरी तरह प्रशासनिक प्रक्रिया है, जिसमें जिला परिषद अध्यक्ष या किसी सदस्य की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं होती। उनके अनुसार, जिन योजनाओं पर निविदा जारी की गई है, उन्हें प्रशासनिक स्वीकृति चुनाव से पहले ही मिल चुकी थी। आदर्श आचार संहिता लागू होने और तकनीकी आपत्तियों के कारण पिछले अक्टूबर में निविदा रद्द की गई थी, अब उसी की पुनर्निविदा की गई है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी सदस्यों के क्षेत्रों में काम कराया जाएगा और जिला परिषद के पास वित्त आयोग सहित अन्य मदों में पर्याप्त राशि उपलब्ध है।
इस्तीफे पर क्या बोले मिथुन?
मिथुन यादव ने कहा कि वे पहले विभागीय अधिकारियों से नियम समझना चाहते हैं। विधानसभा में शपथ ग्रहण के बाद वे त्यागपत्र सौंप देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उन पर पद से चिपके रहने का आरोप लगाना बिल्कुल गलत है।
सदस्यों ने लगाए आरोप
पूर्व जिप अध्यक्ष और सदस्य अनंत कुमार का आरोप है कि अध्यक्ष पद रिक्त नहीं होने से संवेदकों का भुगतान और नई योजनाओं की स्वीकृति रूकी हुई है। उन्होंने कहा कि नियम के मुताबिक किसी अन्य पद के दायित्व ग्रहण करने के बाद 15 दिनों के भीतर इस्तीफा देना अनिवार्य है।
अनंत कुमार का कहना है कि डीडीसी से बातचीत हुई है और लौटने पर बैठक बुलाने का आश्वासन दिया गया है।
सदस्य गौरव राय ने भी गंभीर आरोप लगाए। उनके अनुसार, लगभग 10 करोड़ की योजनाओं की स्वीकृति लंबित है और 8 करोड़ से अधिक के भुगतान में अड़चन आ रही है। उनका कहना है कि निविदा केवल अध्यक्ष के क्षेत्र में जारी की गई है, जिससे असमानता बढ़ रही है।
जिला अभियंता भूपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 9 अक्टूबर को आचार संहिता लागू होने के कारण निविदा रद्द हुई थी। शनिवार को लगभग 1 करोड़ 50 लाख की 14 योजनाओं की पुनर्निविदा जारी की गई है। विभागीय प्राक्कलन जिप अध्यक्ष के क्षेत्र में तैयार नहीं किया गया है।




