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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : यूरिक एसिड शरीर में तब बनता है जब प्यूरीन नामक पदार्थ टूटता है। यह आमतौर पर खून में घुल जाता है और बाहर निकल जाता है, लेकिन जब इसकी मात्रा बढ़ जाती है, तो यह क्रिस्टल बन सकता है और जोड़ों में जमा हो सकता है। ऐसे में, खासकर रात में, शरीर हमें कुछ संकेत देता है, जिन्हें पहचानना बहुत ज़रूरी है।

जोड़ों में अचानक तेज दर्द: यूरिक एसिड बढ़ने पर सबसे पहले जोड़ प्रभावित होते हैं, रात में एक पैर में अचानक असहनीय दर्द होना इसका बड़ा संकेत हो सकता है।

जोड़ों में सूजन और गर्मी: यदि रात में उंगलियों, टखनों या घुटनों में हल्की सूजन और गर्मी महसूस हो, तो यह यूरिक एसिड क्रिस्टल जमा होने का संकेत है।

हल्का बुखार या बेचैनी: यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर में सूजन बढ़ जाती है, जिससे हल्का बुखार, बेचैनी या रात में पसीना आ सकता है।

पेशाब कम आना या जलन होना: यूरिक एसिड शरीर से पेशाब के ज़रिए बाहर निकल जाता है, लेकिन जब यह ज़्यादा हो जाता है, तो पेशाब कम आ सकता है या मूत्र मार्ग में जलन हो सकती है। ये लक्षण रात में ज़्यादा महसूस हो सकते हैं।

थकान और भारीपन महसूस होना: यदि रात में बिना परिश्रम के भी शरीर भारी लगता है या नींद के बाद भी तरोताजा महसूस नहीं होता है, तो यह उच्च यूरिक एसिड के कारण चयापचय असंतुलन का लक्षण हो सकता है।

रात में दर्द: अगर दिनभर जोड़ों में दर्द न हो, लेकिन यह दर्द सिर्फ रात में हो, तो समझ लीजिए कि यह यूरिक एसिड की समस्या है।