
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आगामी चुनाव प्रक्रिया में बड़े बदलावों की घोषणा की है। उन्होंने दोनों वोटिंग मशीनों को 'बेहद विवादास्पद' बताते हुए और डाक मतपत्रों में 'व्यापक धोखाधड़ी' का आरोप लगाते हुए, एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की है। ट्रंप का मानना है कि इन उपायों से अमेरिकी चुनावों में 'ईमानदारी' बहाल होगी और नतीजे ज़्यादा विश्वसनीय बनेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर एक संदेश में कहा कि वह 2026 के मध्यावधि चुनावों से पहले वोटिंग मशीनों और डाक मतपत्रों को समाप्त करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करेंगे। उन्होंने दोनों तरीकों को 'बेईमान' और 'बेहद महंगा' बताया है। ट्रंप ने इसके बजाय 'वॉटरमार्क पेपर' के इस्तेमाल की वकालत की है, जिससे उनका मानना है कि तेज़ और ज़्यादा सटीक नतीजे मिलेंगे। उन्होंने डेमोक्रेट्स पर 'धोखाधड़ी' का आरोप लगाया और कहा कि वह चुनावी प्रक्रिया में 'ईमानदारी' वापस लाने के लिए लड़ेंगे।
वोटिंग मशीनों और डाक मतपत्रों पर प्रतिबंध
ट्रंप ने 'ट्रुथ सोशल' पर एक पोस्ट में कहा कि वह डाक मतपत्रों (मेल-इन वोटिंग) और वोटिंग मशीनों को खत्म करने के लिए एक आंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने इन मशीनों को 'बेहद महंगी और गंभीर रूप से विवादास्पद' बताया है। ट्रंप का दावा है कि ये मशीनें वॉटरमार्क वाले कागज़ से 10 गुना ज़्यादा महंगी हैं और वॉटरमार्क वाले कागज़ वाली वोटिंग मशीनों की तुलना में तेज़ और ज़्यादा सटीक नतीजे देती हैं। ट्रंप के मुताबिक, अमेरिका दुनिया का इकलौता देश है जो डाक से वोटिंग का इस्तेमाल करता है, जबकि दूसरे देशों ने 'बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी' के कारण इस तरीके को छोड़ दिया है।
डेमोक्रेट्स के खिलाफ आरोप
ट्रंप ने इस मुद्दे पर डेमोक्रेट्स पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने डेमोक्रेट्स पर 'धोखाधड़ी' करने के लिए इन तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया और इसीलिए वह इन बदलावों का कड़ा विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर डेमोक्रेट्स डाक मतपत्रों में धोखाधड़ी नहीं करते, तो उन्हें 'पूरी तरह से अयोग्य घोषित कर दिया जाता।' इन बयानों से साफ़ है कि ट्रंप चुनावी व्यवस्था में पूरी पारदर्शिता लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस घोषणा से पहले, ट्रंप ने अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बैठक के दौरान भी इस मुद्दे पर चर्चा की थी। फ़ॉक्स न्यूज़ को दिए एक साक्षात्कार में, ट्रंप ने कहा कि पुतिन भी उनसे सहमत हैं कि डाक मतपत्रों के ज़रिए निष्पक्ष चुनाव नहीं कराए जा सकते। हालाँकि, ट्रंप पहले भी डाक मतपत्रों के ज़रिए मतदान कर चुके हैं और अपने समर्थकों से भी ऐसा करने को कह चुके हैं। इससे उनके रुख़ पर सवाल उठ रहे हैं।
इस घोषणा से डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन पार्टी के बीच राजनीतिक तनाव और बढ़ने की संभावना है। ट्रंप का मानना है कि 'निष्पक्ष और ईमानदार चुनावों और मज़बूत सीमाओं के बिना देश टिक नहीं सकता।' आगामी 2026 के मध्यावधि चुनावों में यह एक नई दिशा लेता दिख रहा है।