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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा और सनसनीखेज दावा किया है। सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में थे, तब एक भाजपा नेता ने उन्हें समझाया था कि ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) कैसे हैक की जाती है। हालाँकि, उन्होंने उस नेता का नाम नहीं बताया। इस बयान ने देश की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है, खासकर ऐसे समय में जब लोकतंत्र और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।

उद्धव ठाकरे ने दावा किया है कि जब वह भाजपा के साथ गठबंधन में थे, तब एक नेता ने उन्हें ईवीएम हैक करने का तरीका बताया था। उन्होंने यह बयान भ्रष्टाचार के खिलाफ शिवसेना (यूबीटी) के विरोध प्रदर्शन के बाद दिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लोग सड़कों पर उतर आए हैं, लेकिन सरकार ध्यान देने को तैयार नहीं है। उन्होंने भारत-नेतृत्व गठबंधन के नेताओं की गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर धब्बा बताया और चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए पूछा कि क्या चुनाव आयुक्त सुप्रीम कोर्ट से बड़े हैं? ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा ने वोट चुराए हैं।

ईवीएम हैकिंग पर उद्धव का दावा

सोमवार को मीडिया से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा, "जब हम भाजपा के साथ गठबंधन में थे, तब एक नेता ने मुझे बताया था कि ईवीएम कैसे हैक की जाती हैं।" उन्होंने उस नेता का नाम तो नहीं बताया, लेकिन कहा कि वह नेता अभी भी भाजपा में है। यह पहली बार है जब मुख्यमंत्री पद पर आसीन किसी नेता ने ऐसा दावा किया है, जिससे एक बार फिर ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

भ्रष्टाचार और लोकतंत्र

शिवसेना (यूबीटी) द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शन के बाद बोलते हुए, उद्धव ठाकरे ने कहा कि पूरे महाराष्ट्र में लोग भ्रष्ट नेताओं से जवाब मांगने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। उन्होंने सरकार की नाकामी पर हमला बोलते हुए कहा कि सबूत देने के बावजूद कोई सुनने को तैयार नहीं है। उन्होंने दिल्ली में चुनाव आयोग के खिलाफ भारत गठबंधन के नेताओं की गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर कलंक बताया और कहा कि सरकार ने लोकतंत्र की हत्या कर दी है।

चुनाव आयोग पर सवाल

उद्धव ठाकरे ने चुनाव आयोग की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बिहार में मतदाताओं के नाम काटे जाने के मुद्दे का ज़िक्र किया और कहा कि अब चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट को भी नाम देने को तैयार नहीं है। उन्होंने सीधा सवाल किया, "क्या चुनाव आयुक्त सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ा है?" उनके इस बयान से साफ़ है कि विपक्ष ईवीएम और चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है।

ठाकरे ने आखिरकार भाजपा पर सीधे तौर पर वोट चुराने का आरोप लगाया और अब इसका पर्दाफ़ाश हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर कोई टिप्पणी करने से परहेज़ किया, लेकिन यह कहकर कि "उनकी पार्टी प्रमुख ने उन्हें अपने पापों पर पर्दा डालने का काम सौंपा है," उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से मौजूदा सरकार पर हमला बोला।