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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया की बीते रविवार मोहाली अदालत में पेशी के दौरान बड़ा बवाल हो गया। अदालत परिसर में पंजाब पुलिस और कोर्ट कर्मचारियों के बीच जमकर कहासुनी हुई, जो बाद में हाथापाई तक पहुंच गई। यह मामला अब धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है और संभव है कि अदालत इसमें आगे कार्रवाई कर सकती है।

कोर्ट स्टाफ का आरोप है कि मजीठिया को कोर्ट के अंदर ले जाने के दौरान पुलिस ने जबरन बैकडोर एंट्री की कोशिश की, जबकि अदालत ने पहले से ही सभी के लिए इस रास्ते पर रोक लगा रखी थी। स्टाफ का कहना है कि पुलिस के एक इंस्पेक्टर ने नियमों की अनदेखी करते हुए न केवल बहस की, बल्कि हाथापाई करते हुए गेट पर लगे ताले की चाबी भी छीन ली।

वहीं पुलिस की ओर से इंस्पेक्टर जश्नप्रीत सिंह ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि कोई हाथापाई नहीं हुई, सिर्फ बहस जरूर हुई थी। उनका कहना है कि वे सिर्फ आरोपित मजीठिया को कोर्ट के पिछले हिस्से से अंदर ले जाना चाहते थे।

बता दें कि बिक्रम सिंह मजीठिया को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था। अगले दिन उन्हें मोहाली लाया गया, जहां अदालत ने उन्हें सात दिन की हिरासत में भेजा। इसके बाद उनकी रिमांड चार दिन और बढ़ा दी गई। करीब 12 दिन बाद रविवार को उन्हें अदालत में पेश किया गया।

मजीठिया की पेशी के दौरान भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। शिअद समर्थकों को हिरासत में लिया गया और कोर्ट परिसर में पर्दे तक लगा दिए गए। कोर्ट स्टाफ को अंदर-बाहर आने-जाने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।