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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश सरकार ने युवाओं की उद्यमिता क्षमता को बढ़ावा देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी (सीएम युवा) योजना की शुरुआत की है। यह योजना युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान कर रही है, साथ ही उन्हें बिना ब्याज और बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध करा रही है। प्रदेश सरकार ने इस पहल के जरिए 53,000 से अधिक आवेदनों को मंजूरी दी है और लगभग 40,000 युवाओं को ऋण वितरित भी कर चुकी है।

10 लाख युवाओं का स्वरोजगार लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह योजना अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य रखती है। "हर कदम उद्यमिता की ओर, हर युवा आत्मनिर्भरता की ओर" के मिशन के साथ अब तक कुल 2,44,045 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 1,10,105 आवेदनों को बैंकिंग सेक्टर में भेजा गया है। योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।

महिलाओं और पिछड़े वर्गों को विशेष लाभ

योजना की खास बात यह है कि इसमें महिलाओं और पिछड़े वर्ग के युवाओं को प्रमुखता से शामिल किया जा रहा है। अब तक ऋण प्राप्त करने वाले लाभार्थियों में करीब 30 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो इस योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लगभग 48.5 प्रतिशत युवाओं ने योजना से लाभ उठाया है, वहीं अनुसूचित जाति (एससी) के 15 प्रतिशत और अल्पसंख्यक समुदाय के 2.5 प्रतिशत युवा भी योजना का लाभ ले चुके हैं।

उद्योग और सेवा क्षेत्रों में निवेश

ऋण राशि का उपयोग युवा उद्यमी मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र में कर रहे हैं। करीब 36 प्रतिशत लाभार्थियों ने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, जैसे फर्नीचर निर्माण, डेयरी उत्पादन, और आटा चक्की जैसे उद्यम शुरू किए हैं। वहीं, 64 प्रतिशत लाभार्थी सेवा क्षेत्र में सक्रिय हैं, जिसमें टेंट हाउस, मोबाइल रिपेयरिंग, फिटनेस सेंटर, और प्रिंटिंग प्रेस जैसे उद्यम शामिल हैं।

कानपुर नगर बना अग्रणी जिला

ऋण वितरण में कानपुर नगर जिला सबसे आगे रहा है, जहां 1339 युवा योजना के लाभार्थी बने हैं। इसके अलावा बरेली (1032), आगरा (1016), महाराजगंज (988), और वाराणसी (961) जिले टॉप-5 में शामिल हैं।

बैंकों का अहम योगदान

बैंकों की भूमिका योजना को सफल बनाने में बेहद महत्वपूर्ण रही है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने सर्वाधिक 6684 युवाओं को ऋण दिया है, वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा (5489), पंजाब नेशनल बैंक (4770), इंडियन बैंक (4459), और बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक (3624) ने योजना के सफल क्रियान्वयन में उल्लेखनीय योगदान किया है।