
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भागलपुर जिले के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद प्रदेश के अभियंता संगठनों में नाराजगी की लहर दौड़ गई है। इंडेफ (पूर्वी प्रक्षेत्र) के सेक्रेटरी जनरल अंजनी कुमार ने जिलाधिकारी को तत्काल पद से हटाने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
अंजनी कुमार ने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के कार्यपालक अभियंता के साथ अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया, उन्हें धमकाया और हिरासत में लेने की कोशिश की। इस घटना से यह साफ जाहिर होता है कि प्रशासन में अनुशासन की कमी और बेलगाम रवैया हावी होता जा रहा है।
बिहार अभियंत्रण सेवा संघ ने भी इस मामले में विरोध जताते हुए सरकार से जिलाधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अभियंताओं का कहना है कि राज्य में प्रशासनिक हस्तक्षेप के कारण विकास कार्यों पर बुरा असर पड़ा है। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि एक ऐसे राज्य में जहां मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री स्वयं अभियंता हैं, वहां अन्य अभियंताओं को प्रशासनिक उत्पीड़न झेलना पड़ रहा है।
संघ का यह भी आरोप है कि एनएच 133ई परियोजना के भूमि अधिग्रहण मामले में वित्तीय अनियमितताओं को छिपाने की कोशिश की जा रही है। इसमें जिलाधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत होने की आशंका जताई गई है।
संघ ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों को तत्काल उनके पद से हटाकर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
इंडेफ लंबे समय से यह मांग करता रहा है कि तकनीकी विभागों का संचालन केवल तकनीकी विशेषज्ञों के हाथों में होना चाहिए। इसके लिए राज्यों और केंद्र में तकनीकी आयोग की स्थापना की मांग भी समय-समय पर उठती रही है।