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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर बिहार के गोपालगंज, सिवान और सारण जिलों के किसानों के लिए खुशखबरी है। इन जिलों में सिंचाई व्यवस्था को मजबूत करने और खेती को बढ़ावा देने के लिए साल 2014 में शुरू की गई पश्चिमी गंडक नहर प्रणाली के पुनरुद्धार और नहर लाइनिंग की योजना (ई.आर.एम योजना) अब रफ्तार पकड़ चुकी है।

इस योजना का मकसद 1 लाख 58 हजार हेक्टेयर में नई सिंचाई की व्यवस्था करना और 1 लाख 47 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पुरानी व्यवस्था को फिर से सक्रिय करना है। करीब 2,061 करोड़ रुपये की लागत से यह परियोजना नौ समूहों में बांटकर चरणबद्ध तरीके से लागू की जा रही है, जिनमें से 8 समूहों में कार्य तेज़ी से चल रहा है।

अब तक की उपलब्धि

अब तक 99,300 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई व्यवस्था को दोबारा जीवंत किया जा चुका है, जबकि 74,900 हेक्टेयर भूमि पर नई सिंचाई की सुविधा तैयार हो चुकी है। यह आंकड़ा दिखाता है कि यह योजना न केवल कागज़ों पर बल्कि जमीन पर भी असर दिखा रही है।

किन क्षेत्रों को मिलेगा लाभ?

इस योजना से गोपालगंज, सिवान और सारण जिलों के कई प्रखंडों के किसान सीधे लाभान्वित होंगे। इनमें गोपालगंज के कुचायकोट, हथुआ, मांझा, बरौली जैसे इलाके शामिल हैं; सिवान जिले के हुसैनगंज, महाराजगंज, गुठनी, दरौली जैसे प्रखंड लाभ पाएंगे; वहीं सारण जिले के मशरक, मढ़ौरा, छपरा, इसुआपुर, परसा जैसे क्षेत्रों के किसानों को भी सिंचाई की सुविधा मिलेगी।

किसानों को होगा सीधा फायदा

इस योजना के पूरा होते ही इन जिलों के हजारों किसानों को सिंचाई के लिए न तो बारिश पर निर्भर रहना पड़ेगा और न ही महंगे डीज़ल पंप का सहारा लेना होगा। इससे फसल की उत्पादकता बढ़ेगी, लागत घटेगी और आमदनी में सुधार आएगा।