Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आम धारणा है कि यह प्रक्रिया बहुत दर्दनाक होती है, लेकिन सच्चाई यह है कि रूट कैनाल एक सुरक्षित और आरामदायक प्रक्रिया है। यह उपचार न केवल आपके सड़े हुए दांत को बचाता है, बल्कि जबड़े के संक्रमण, साइनस की समस्याओं और हड्डी के क्षरण जैसी अन्य गंभीर शारीरिक समस्याओं से भी आपकी रक्षा करता है। इसलिए, दांतों के स्वास्थ्य को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

स्वस्थ और मजबूत दांत न केवल खूबसूरत मुस्कान के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि पूरे शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी हैं। अगर दांतों में सड़न (कैविटी), बैक्टीरियल इन्फेक्शन या अंदरूनी क्षति का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह सिर्फ मुंह तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि गंभीर रूप ले सकता है। ऐसी नाजुक स्थिति में, 'रूट कैनाल ट्रीटमेंट' (आरसीटी) एक रक्षक की तरह काम करता है। पटना के ऑरो डेंटल क्लिनिक की डॉ. अंजली सौरभ के अनुसार, यह इलाज कराने से भविष्य में कई जटिल बीमारियों से बचा जा सकता है।

यह समझना महत्वपूर्ण है कि रूट कैनाल क्या है। यह एक चिकित्सीय प्रक्रिया है जिसमें दंत चिकित्सक दांत के सबसे अंदरूनी हिस्से, पल्प में मौजूद संक्रमण और सड़न को साफ करते हैं।

दांत के अंदर के सड़े हुए ऊतकों और नसों को हटाने के बाद, खाली जगह को कीटाणुरहित किया जाता है, सुरक्षित सामग्री से भरा जाता है और सील कर दिया जाता है। अंत में, दांत को मजबूत करने के लिए उस पर सिरेमिक या धातु का क्राउन (कैप) लगाया जाता है। इससे संक्रमण जड़ तक नहीं पहुंचता और मरीज को तुरंत दर्द से राहत मिलती है।

शरीर हमें बीमारी से पहले कुछ संकेत देता है, जिन्हें पहचानना हमारे लिए ज़रूरी है। अगर आपके दांतों में लगातार और असहनीय दर्द रहता है, कुछ भी ठंडा या गर्म खाने पर बहुत ज़्यादा संवेदनशीलता महसूस होती है, तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। इसके अलावा, अगर दांतों का रंग काला या भूरा हो जाता है, मसूड़े सूज जाते हैं या छूने पर दर्द होता है, और मुंह का स्वाद बार-बार खराब हो जाता है - ये सभी लक्षण बताते हैं कि आपके दांत में तुरंत रूट कैनाल ट्रीटमेंट की ज़रूरत है।

दांत को बचाने के साथ-साथ चार अन्य गंभीर बीमारियों से बचाव के लिए भी रूट कैनाल ट्रीटमेंट आवश्यक है। पहला खतरा जबड़े और चेहरे में संक्रमण का है। यदि दांतों की सड़न जड़ तक पहुंच जाए, तो उसमें मवाद भर सकता है। यह संक्रमण धीरे-धीरे जबड़े और चेहरे तक फैल सकता है, जिससे गालों में सूजन, बुखार और चेहरे की विकृति जैसी समस्याएं हो सकती हैं। रूट कैनाल ट्रीटमेंट कराने से इस संक्रमण को बढ़ने से रोका जा सकता है।

एक और महत्वपूर्ण कारण साइनस की समस्या है। ऊपरी जबड़े के दांतों की जड़ें साइनस के बहुत करीब होती हैं। अक्सर, दांतों का संक्रमण साइनस तक पहुंच जाता है, जिससे व्यक्ति को सिरदर्द और नाक में दबाव महसूस होता है। कई मरीजों को रूट कैनाल करवाने के बाद साइनस की समस्याओं से राहत मिली है। इसके अलावा, यह उपचार हड्डी के क्षरण को भी रोकता है। दांत की जड़ में लंबे समय तक संक्रमण रहने से जबड़े की हड्डी कमजोर हो जाती है, जिसे रूट कैनाल से बचाया जा सकता है। साथ ही, मसूड़ों की बीमारियों से भी बचाव होता है।

अंततः, यदि आप डर या आलस्य के कारण इस उपचार में देरी करते हैं, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जो आर्थिक और शारीरिक दोनों रूप से हानिकारक हो सकते हैं। समय के साथ, संक्रमण आसपास के स्वस्थ दांतों में फैल सकता है और अंततः दांत को बचाना मुश्किल हो जाता है, जिसके लिए दांत निकलवाना पड़ सकता है। दांत निकलवाने के बाद उसे बदलने या इंप्लांट करवाने का खर्च रूट कैनाल से कहीं अधिक होता है। इसलिए, दांत दर्द को नज़रअंदाज़ किए बिना सही समय पर उपचार करवाना ही समझदारी है।




