
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत का पड़ोसी देश इस समय भयंकर संकट से गुजर रहा है। नेपाल में बढ़ते हिंसक विरोध प्रदर्शनों ने भारत की चिंताएं भी बढ़ा दी हैं। बढ़ती हिंसा को देखते हुए भारत ने नेपाल सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। भारत और नेपाल के बीच 1,850 किलोमीटर लंबी साझा सीमा में सिक्किम के अलावा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। लेकिन भारत और नेपाल का रिश्ता सिर्फ सीमाओं और संस्कृति तक सीमित नहीं है, बल्कि रोटी-बेटी के रिश्ते से भी गहरा है। यह प्रक्रिया दोनों देशों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक एकता को और मजबूत करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कितने भारतीय पुरुष नेपाली महिलाओं से शादी करते हैं और कौन सा राज्य इस मामले में सबसे आगे है? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
कितनी नेपाली लड़कियां शादी के बाद भारत आती हैं?
भारत और नेपाल के बीच खुली सीमा और सांस्कृतिक समानताओं के कारण, दोनों देशों के लोगों के बीच अंतर्जातीय विवाह लंबे समय से चले आ रहे हैं। हालाँकि इस विषय पर सटीक और आधिकारिक आँकड़े प्राप्त करना कठिन है, लेकिन विभिन्न रिपोर्टों और अध्ययनों के आधार पर अनुमान लगाया गया है कि हर साल सैकड़ों भारतीय पुरुष नेपाली महिलाओं से विवाह करते हैं। खासकर भारत के उन राज्यों में, जिनकी सीमा नेपाल से लगती है। जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल, ऐसे विवाहों की संख्या बहुत अधिक है।
कौन सा राज्य सबसे आगे है?
जब बात आती है कि नेपाली लड़कियों से शादी करने में भारत का कौन सा राज्य सबसे आगे है, तो बिहार का नाम सबसे पहले आता है। सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और मधुबनी जैसे बिहार के कई जिले नेपाल सीमा से सटे हुए हैं। इन इलाकों में नेपाली महिलाओं से शादी करने का चलन बहुत पुराना है। हर साल सैकड़ों नेपाली दुल्हनें बिहार के इन जिलों में आती हैं।
यह मुद्रा क्या है?
भारत और नेपाल के बीच शादियों के इस चलन का मुख्य कारण दोनों देशों की सांस्कृतिक और भौगोलिक निकटता है। खुली सीमा होने के कारण लोगों की आवाजाही आसान है और सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियाँ भी इन शादियों को बढ़ावा देती हैं।