Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हरिद्वार के पवित्र चंडीघाट से ज्योतिष पीठ के स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने शीतकालीन चारधाम दर्शन तीर्थ यात्रा का शुभारंभ किया। गंगा तट पर आयोजित भव्य महापूजा और महाआरती में हजारों भक्त शामिल हुए और इस पवित्र यात्रा के आरंभ के साक्षी बने।
वैदिक मंत्रों की गूंज के बीच गंगा की विशेष पूजा-अर्चना हुई। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गंगा माँ के समक्ष यात्रा के सफल और निर्विघ्न रहने का संकल्प लिया। उन्होंने भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि शीतकालीन चारधाम यात्रा, हिमालय की आध्यात्मिक धरा के साथ-साथ उसकी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध पौराणिक विरासत से जुड़ने का एक दुर्लभ अवसर है। उन्होंने देशभर के श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे शीतकाल में भी चारधाम के दर्शन अवश्य करें। इस शुभ अवसर पर देश के दस से अधिक राज्यों से आए हजारों भक्त मौजूद रहे।
शुक्रवार सुबह सात बजे यात्रा दल ने हरिद्वार से यमुना माता के शीतकालीन पूजा स्थल खरसाली (खुशीमठ) के लिए प्रस्थान किया। यहां यमुना के शीतकालीन विराजमान स्वरूप के दर्शन होते हैं। इसके बाद यात्रा क्रमशः गंगा के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा, केदारनाथ के शीतकालीन प्रवास स्थल उखीमठ और भगवान बदरीनाथ के शीतकालीन प्रवास स्थल पांड़केश्वर के दर्शन करेगी।




