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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पश्चिम बंगाल में सामाजिक सेवा से जुड़े पद्मश्री सम्मानित स्वामी प्रदीप्तानंद उर्फ कार्तिक महाराज पर गंभीर आरोप लगे हैं। बेलडांगा स्थित भारत सेवाश्रम संघ के प्रमुख रहे महाराज के खिलाफ एक महिला ने रेप और यौन शोषण की शिकायत दर्ज कराई है। महिला का आरोप है कि उन्हें सरकारी स्कूल में नौकरी दिलाने का झांसा देकर कई वर्षों तक शोषण किया गया। इतना ही नहीं, गर्भपात का दबाव बनाए जाने की बात भी सामने आई है।

यह शिकायत 26 जून 2025 को नबाग्राम थाने में दर्ज कराई गई है।

शिकायत में क्या कहा गया है?

पीड़िता का कहना है कि दिसंबर 2012 में उनकी मुलाकात कार्तिक महाराज से हुई थी। उस समय महाराज ने उन्हें चाणक आदिवासी आवासीय बालिका विद्यालय में नौकरी दिलाने का वादा किया था। जनवरी 2013 से उन्हें छात्रावास में रहने के लिए कहा गया, जहां से शोषण का सिलसिला शुरू हुआ।

महिला का आरोप है कि महाराज ने सिर्फ उसी आश्रम में नहीं, बल्कि अन्य शाखाओं में भी उनका शारीरिक और मानसिक शोषण किया। नौकरी का बहाना बनाकर बार-बार धमकाया गया और चुप रहने के लिए मजबूर किया गया।

इतना ही नहीं, महिला का यह भी कहना है कि जब वह हाल ही में उनसे मिलने गई तो वहां दो अज्ञात लोगों ने उन्हें धमकाया, अपशब्द कहे और सड़क पर फेंक दिया।

स्वामी का इनकार और राजनीतिक हलचल

कार्तिक महाराज ने इस पूरे मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि उनकी कानूनी टीम पूरे मसले की जांच करेगी। उन्होंने इन आरोपों को साजिश करार देते हुए कहा कि “हम अपने छात्रों को मां का दर्जा देते हैं। कोई भी हमें बदनाम नहीं कर सकता।”

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने मामले की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह एक सुनियोजित राजनीतिक चाल हो सकती है।

समाज और राजनीति में बढ़ती गूंज

यह पूरा मामला ऐसे वक्त सामने आया है जब कोलकाता लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ गैंगरेप की खबर पहले से ही सुर्खियों में है। इस केस में चार लोग गिरफ्तार हो चुके हैं और एक आरोपी की तस्वीर तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी के साथ वायरल हो गई है। इस वजह से भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच टकराव और तेज हो गया है।

कार्तिक महाराज पर लगे आरोपों से बंगाल का सामाजिक और राजनीतिक माहौल और अधिक तनावपूर्ण होता नजर आ रहा है।