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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना इसके तहत राज्य की हजारों महिलाओं को न केवल आर्थिक सहायता दी जा रही है, बल्कि उन्हें उद्यमिता की ओर प्रेरित कर उनके सपनों को साकार करने का मौका भी मिल रहा है।

अब तक इस योजना से 8,787 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं और ₹608.91 करोड़ रुपये की सहायता राशि वितरित की गई है।

क्या है योजना का उद्देश्य?

इस योजना का मकसद है महिलाओं को छोटे और मझोले उद्योगों की शुरुआत करने या अपने मौजूदा व्यवसाय को बढ़ाने के लिए प्रेरित करना। इसके तहत अधिकतम ₹10 लाख तक की सहायता दी जाती है। इसमें से ₹5 लाख तक का ब्याज-मुक्त ऋण होता है, जिसे 7 वर्षों में लौटाना होता है। साथ ही ₹5 लाख तक का अनुदान भी दिया जाता है।

मिलती है पूरी कारोबारी मदद

महिलाओं को न केवल पैसा दिया जा रहा है, बल्कि उन्हें व्यवसाय शुरू करने से लेकर बाजार में अपने उत्पादों को बेचने तक की पूरी ट्रेनिंग, मार्गदर्शन और सहायता भी दी जाती है। मार्केटप्लेस में उत्पादों की बिक्री, व्यापार सलाह, और अन्य जरूरी सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं।

कौन ले सकता है योजना का लाभ?

महिला को बिहार की स्थायी निवासी होना चाहिए

आयु 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए

ट्रांसजेंडर समुदाय की महिलाएं भी इस योजना का लाभ ले सकती हैं

कौन से व्यवसाय हैं सबसे ज्यादा लोकप्रिय?

इस योजना के तहत जिन क्षेत्रों में महिलाओं ने सबसे ज्यादा काम शुरू किया है, वे हैं:

रेडीमेड कपड़े बनाना

आटा, सत्तू और बेसन निर्माण

नोटबुक और कॉपी निर्माण

इन क्षेत्रों ने न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए हैं।

अन्य योजनाओं से भी मिला साथ

मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना के अलावा बिहार लघु उद्यमी योजना से 10,963 महिलाएं और बिहार स्टार्टअप नीति के तहत 226 महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं।