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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों और चीनी उद्योग के विकास को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब गन्ना विकास विभाग में 'कोर ग्रुप' का गठन किया गया है, जिसका मुख्य काम गन्ना विकास और उत्पादन से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा करना और उनकी निगरानी करना होगा। इस कदम का सीधा लाभ प्रदेश के लाखों गन्ना किसानों को मिलने की उम्मीद है।

नवगठित कोर ग्रुप का प्राथमिक उद्देश्य गन्ना खेती की उत्पादकता को बढ़ाना, किसानों की आय में वृद्धि करना और इस क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों व शोध को लागू करना है। यह ग्रुप किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी गहराई से विचार करेगा और उनके समाधान के लिए सुझाव देगा।

यह कोर ग्रुप सिर्फ गन्ना विकास विभाग तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ नियमित तौर पर जुड़ेगा। इसके साथ ही, गन्ना किसानों से संबंधित विभागों जैसे पंचायती राज विभाग, ग्राम विकास विभाग, चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग के अधिकारियों के साथ भी समन्वय स्थापित किया जाएगा। इस सामूहिक प्रयास का लक्ष्य गन्ने की खेती और उसके उपोत्पादों से जुड़े सभी पहलुओं को एक साथ लेकर चलना है, ताकि सर्वांगीण विकास हो सके।

गोरखपुर, गाजीपुर, गोंडा और मुरादाबाद में नए शोध केंद्रों के विकास का निर्णय भी इसी बड़ी रणनीति का हिस्सा है। ये केंद्र गन्ना की उन्नत किस्मों के विकास और फसल से जुड़ी समस्याओं के वैज्ञानिक समाधान पर काम करेंगे। उम्मीद है कि इन प्रयासों से गन्ना उत्पादन में रिकॉर्ड वृद्धि होगी, जिससे उत्तर प्रदेश न केवल अपनी चीनी मिलों के लिए पर्याप्त कच्चा माल पैदा कर पाएगा, बल्कि एथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में भी देश का नेतृत्व करेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह प्रयास कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।