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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : गोरखपुर में खाद कारखाना परिसर में आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिलुआताल के कायाकल्प की घोषणा की। उन्होंने बताया कि इसे रामगढ़ताल की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। जल्द ही यह स्थान भी एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बन जाएगा।

मुख्यमंत्री ने पौधारोपण अभियान को केवल एक औपचारिकता नहीं बल्कि वर्तमान को सुरक्षित रखने और भविष्य को सहेजने की एक महाअभियान बताया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न संकटों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अतिवृष्टि, अनावृष्टि और तेज गर्मी जैसी समस्याएं अब सामान्य होती जा रही हैं। टेक्सास (अमेरिका) में हाल ही की बाढ़ का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जलवायु असंतुलन का असर अब वैश्विक हो चुका है।

योगी ने बताया कि 2017 से पहले प्रदेश में सिर्फ 26 करोड़ पौधे लगाए गए थे, जिनका कोई अता-पता नहीं था। लेकिन बीते आठ वर्षों में 204 करोड़ पौधे लगाए गए हैं, जिनमें से 75% जीवित हैं। यह उत्तर प्रदेश को देश में अग्रणी राज्य बनाता है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में 5 लाख एकड़ भूमि पर हरियाली फैलाई जा चुकी है।

'एक पेड़ मां के नाम' अभियान को धरती माता और अपनी मां के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का एक अवसर बताया गया। इस अभियान के अंतर्गत नदियों के किनारे, एक्सप्रेसवे और अमृत सरोवरों के पास भी वृक्षारोपण हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने किसानों को हो रहे प्रत्यक्ष लाभ की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कार्बन क्रेडिट योजना के तहत यदि कोई किसान पौधा लगाकर उसकी देखभाल करता है, तो उसकी प्रगति के आधार पर 5 वर्ष बाद प्रति कार्बन क्रेडिट 6 डॉलर की राशि मिलती है। अब तक 25 हजार किसानों को 32 लाख रुपये से अधिक की राशि मिल चुकी है।

जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने योगी सरकार के नेतृत्व में बुंदेलखंड में हुए सफल वृक्षारोपण के उदाहरण साझा किए और खेतों की मेड़ पर पौधे लगाने का आग्रह किया। वहीं, वन मंत्री डॉ. अरुण सक्सेना ने कार्बन डाइऑक्साइड की बढ़ती मात्रा को गर्मी का मुख्य कारण बताया और इससे निपटने के लिए अधिक से अधिक पौधारोपण पर जोर दिया।

सांसद रविकिशन ने कहा कि मोदी-योगी सरकार का विकास मॉडल पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण पर भी ध्यान देता है।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना के 10 लाभार्थियों को पौधे भेंट किए और इन्हें संरक्षण के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर वन मंत्री डॉ. केपी मलिक, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह, प्रमुख सचिव अनिल कुमार, जिलाधिकारी, और कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।