
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कॉफी सिर्फ सुबह-सुबह नींद लाने वाला ड्रिंक नहीं है, बल्कि यह आपकी सेहत के लिए भी खजाना साबित हो सकती है। एक तरफ लोग इसे सिर्फ कैफीन बूस्टर मानते हैं। हाल ही में हुए अध्ययनों और डॉक्टरों की राय बताती है कि सही मात्रा में कॉफी का सेवन आपके लिवर के लिए फायदेमंद हो सकता है। खासकर गैस्ट्रो और के अनुसार, कॉफी लिवर को कई गंभीर बीमारियों से बचा सकती है, अगर इसे सही तरीके से और समय पर लिया जाए। आइए जानते हैं कि कॉफी आपके लिवर को कैसे स्वस्थ रखती है और इसे पीने का सही तरीका क्या है।
कॉफी और लीवर के बीच क्या संबंध है?
कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड और एंटीऑक्सीडेंट तत्व लिवर की कोशिकाओं को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं। ये तत्व लिवर को फैटी लिवर, सिरोसिस और लिवर कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं से बचाने में कारगर साबित हो सकते हैं।
फैटी लिवर की समस्या से राहत
नियमित रूप से और सीमित मात्रा में कॉफी पीने से नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर रोग (एनएएफएलडी) का खतरा कम हो सकता है।
सूजनरोधी गुण
कॉफी में मौजूद यौगिक लीवर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
यकृत एंजाइम्स को नियंत्रित करता है
कॉफी का सेवन लीवर एंजाइम को सामान्य रखने में मदद करता है, जो लीवर के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
सिरोसिस के जोखिम को कम करता है
कुछ अध्ययनों के अनुसार, प्रतिदिन 2 कप कॉफी पीने से लिवर सिरोसिस का खतरा 40-50% तक कम हो सकता है।
विषहरण में मदद करता है
कॉफी शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को निकालने की प्रक्रिया में सहायक हो सकती है।
कॉफ़ी पीने का सही समय और तरीका
सुबह 9 से 11 बजे के बीच कॉफी पीना सबसे ज़्यादा फ़ायदेमंद होता है, जब शरीर का कॉर्टिसोल लेवल संतुलित होता है। खाली पेट कॉफी पीने से एसिडिटी और गैस की समस्या हो सकती है, इसलिए इसे नाश्ते के बाद पीना बेहतर है। कॉफी को बहुत मीठा या भारी बनाने से इसके स्वास्थ्य लाभ कम हो सकते हैं। ब्लैक कॉफी या कम चीनी वाली कॉफी एक अच्छा विकल्प है। बहुत ज़्यादा कैफीन नींद, हृदय गति और पाचन को प्रभावित कर सकता है, इसलिए संतुलन ज़रूरी है।