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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आसपास अब केवल बाघों की दहाड़ ही नहीं, बल्कि विकास की भी गूंज सुनाई देती है। यहां वन एवं वन्य जीव विभाग द्वारा गठित ईको डेवलपमेंट कमेटियों (ईडीसी) के माध्यम से न केवल ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिल रहा है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए स्वरोजगार के नए रास्ते भी खुल रहे हैं।

युवाओं को मिल रहा प्रशिक्षण और रोजगार

पीलीभीत के चूका (सेल्हा), बराही और चौका खेड़ा क्षेत्रों में टाइगर रिजर्व फाउंडेशन की सहायता से आठ ईडीसी सक्रिय हैं। ये कमेटियां स्थानीय युवाओं को पर्यटक गाइड, कैंटीन प्रबंधन और जागरूकता अभियानों जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षित कर रही हैं। इसके साथ ही वे गांवों में सड़क, खड़ंजा, सोलर लाइट और तालाब जैसे बुनियादी विकास कार्यों को भी अंजाम दे रही हैं।

हर साल मिलती है आर्थिक सहायता

प्रत्येक ईडीसी को टाइगर रिजर्व फाउंडेशन की ओर से सालाना एक लाख रुपये की वित्तीय मदद दी जाती है। इस सहायता से कमेटियां न केवल अपना संचालन करती हैं, बल्कि गांवों के विकास में भी निवेश करती हैं। अब तक इन ईडीसी ने सालाना 6 से 10 लाख रुपये की आय अर्जित की है, जिसे स्थानीय विकास कार्यों में भी लगाया जा रहा है।

सीएम योगी के विजन का दिख रहा असर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समावेशी विकास के विजन के तहत वन विभाग द्वारा चलाई जा रही ये ईडीसी न केवल पर्यावरण संरक्षण में योगदान दे रही हैं, बल्कि ग्रामीण युवाओं को आत्मनिर्भर भी बना रही हैं। रोजगार के अवसर, बुनियादी सुविधाओं का विस्तार और पर्यावरण के प्रति जागरूकता – ये सभी पहलू एक नई ग्रामीण दिशा की ओर इशारा कर रहे हैं।

ग्रामीण जीवन को मिल रहा नया आधार

सड़कों का निर्माण, जलाशयों की स्थापना और सोलर लाइट्स ने ग्रामीण जीवन को आसान बना दिया है। इन कार्यों से गांवों की तस्वीर बदल रही है। साथ ही, पर्यटकों को भी बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं और वे भी अब स्थानीय संस्कृति व पर्यावरण के प्रति अधिक जुड़ाव महसूस कर रहे हैं।

भविष्य की उम्मीदें

टाइगर रिजर्व के आसपास इन ईडीसी की सफलता को देखते हुए आने वाले समय में ऐसी और कमेटियों के गठन की संभावना है। इससे न केवल ईको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और विकास के नए आयाम भी खुलेंगे।