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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और लुधियाना सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने मनरेगा योजना में हालिया बदलाव और नाम बदलने के प्रस्ताव को लेकर केंद्र और पंजाब सरकार दोनों को आड़े हाथों लिया।

नाम बदलने पर असहमति:
राजा वड़िंग का कहना है कि मनरेगा का नाम बदलकर उसे किसी धर्म से जोड़ना बिल्कुल भी उचित नहीं है। उनका कहना है कि इस फैसले से योजना के मूल उद्देश्य—गरीब और वंचित वर्ग को रोजगार और सामाजिक सुरक्षा—पर असर पड़ेगा।

पंजाब सरकार की निष्क्रियता:
उन्होंने पंजाब सरकार पर भी निशाना साधा। राजा वड़िंग ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मामले में विरोध जताने में पूरी तरह नाकाम रही, जबकि मनरेगा के तहत मिलने वाली लगभग 10,000 करोड़ रुपये की राशि से पंजाब के गरीब परिवार वंचित रह जाएंगे। उनका कहना है कि भगवंत मान सरकार को इसका विरोध करना चाहिए था।

कांग्रेस की अगली रणनीति:
राजा वड़िंग ने यह भी बताया कि कांग्रेस 8 जनवरी से मनरेगा के खिलाफ प्रदर्शन शुरू करेगी, जो गुरदासपुर से आरंभ होकर अन्य जिलों में भी जारी रहेगा।

लुधियाना की मनरेगा स्थिति:
लुधियाना जिले में 1,21,113 परिवारों में से केवल 42 प्रतिशत परिवारों को काम मिला। इसमें से 100 दिन का पूरा काम सिर्फ 12 परिवारों तक ही सीमित रहा।
पूर्व में इस योजना में प्रदेश सरकार का हिस्सा 10%–90% था, जो अब 40%–60% का हो गया है। राजा वड़िंग ने सवाल उठाया कि प्रदेश सरकार 40 प्रतिशत की राशि कहां से जुटाएगी।