
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में रविवार को सेक्टर-20 स्थित रविदास मंदिर में अनुसूचित जाति के 36 संगठनों ने महापंचायत बुलाई। महापंचायत में सभी नेताओं ने एकजुट होकर डीजीपी हरियाणा शत्रुजीत कपूर की जिम्मेदारी तय करने और उनकी गिरफ्तारी की मांग उठाई।
महापंचायत में शामिल नेताओं ने स्पष्ट किया कि गिरफ्तारी नहीं होने तक पोस्टमार्टम नहीं किया जाएगा। दोपहर करीब दो बजे शुरू हुई यह बैठक लगभग तीन घंटे चली। इसमें चंडीगढ़ के अलावा पंजाब और हरियाणा के कई संगठन भी शामिल हुए।
चंडीगढ़ प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम
महापंचायत के बाद चंडीगढ़ प्रशासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। चेतावनी दी गई कि यदि आरोपित अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं किया गया तो आंदोलन और उग्र हो सकता है। संगठन के नेताओं ने कहा कि वे चंडीगढ़ प्रशासन को मांगपत्र सौंपेंगे।
संगठन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि 48 घंटे में कार्रवाई नहीं हुई तो भारत बंद का आह्वान भी किया जा सकता है। इसी बीच, चंडीगढ़ सफाई कर्मचारी यूनियन ने चेतावनी दी है कि आंदोलन के दौरान शहर की सफाई बंद कर दी जाएगी।
छह दिन बाद भी पोस्टमार्टम नहीं हुआ
वहीं, वाई पूरन कुमार की आत्महत्या को छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन पोस्टमार्टम अब तक नहीं हो पाया है। अधिकारी का शव मोर्चरी में छह दिन से सुरक्षित रखा गया है, लेकिन परिवार के स्वजन पोस्टमार्टम के लिए सहमति नहीं दे रहे हैं।
पुलिस की एसआईटी का कहना है कि शव के लंबे समय तक मोर्चरी में रहने से महत्वपूर्ण सबूत नष्ट होने का खतरा है, जिससे पूरे केस की न्यायिक प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
वाई पूरन कुमार का शव उनकी सेक्टर-11 की प्राइवेट कोठी से उठाकर सेक्टर-16 अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया था। इसके बाद शनिवार को बिना परिवार की अनुमति शव को पीजीआई की मोर्चरी में स्थानांतरित कर दिया गया।
रविवार को एसएसपी कंवरदीप कौर सुबह से दोपहर तक अमनीत पी कुमार के सेक्टर-24 स्थित आवास पर मौजूद रहीं। पोस्टमार्टम के लिए एक औपचारिक पत्र भी लेकर गईं, लेकिन परिवार ने हस्ताक्षर देने से साफ इंकार कर दिया।