महाराष्ट्र। देश भर में उपजे अजान विवाद (Azaan Controversy) के बीच महाराष्ट्र सरकार ने लाउडस्पीकर को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार का आदेश है कि अब धार्मिक स्थलों पर लाउड स्पीकर लगाने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य होगा। महाराष्ट्र के गृहविभाग ने धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर के प्रयोग पर कोर्ट के आदेशों को लागू करने का निर्णय लिया है।
बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे बीते काफी समय से राज्य सरकार को मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जाने को लेकर चेतावनी देते आ रहे थे। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल की पुलिस महानिदेशक के साथ हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया गया। गृहमंत्री ने सभी पुलिस आयुक्तों और अफसरों को इस नए फैसले से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। (Azaan Controversy)
गौरतलब है कि नव निर्माण सेना प्रमुख ने 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं हटने की स्थिति में ‘हिंदू भाइयों’ को ‘तैयार रहने’ के लिए कहा था। उन्होंने कहा था कि लाउड स्पीकर का मुद्दा धार्मिक से ज्यादा सामाजिक है। उन्होंने कहा था वह समाज की शांति भंग नहीं करना चाहते, ‘लेकिन अगर लाउड स्पीकर का इस्तेमाल जारी रहा, तो उन्हें भी हमारी प्रार्थनाओं को लाउड स्पीकर पर सुनना पड़ेगा।’ (Azaan Controversy)
बता दें कि राज ठाकरे के इस बयान पर महाराष्ट्र सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी। शिवसेना नेता संजय राउत ने उनकी तुलना उत्तर प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी से की थी। संजय राउत ने कहा था, ‘महाराष्ट्र में शांति भंग करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यहां के लोग औऱ पुलिस शांतिपूर्ण है। कुछ लोगों का मिशन राम और हनुमान के नाम पर दंगा भड़काना है ‘नए ओवैसी’… राज्य के ‘हिंदू ओवैसी’ के जरिए… हम ऐसा नहीं होने देंगे।’ (Azaan Controversy)
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