फाइनल की हार आंसू बनकर बह गई, 10 मैच जीतने पर बजने वाली तालियां थम गई, खुशियां-पटाखे धरे रह गए, जानिए कुछ अलग हटके

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(टूटा सपना)

डेढ़ महीने चले वनडे वर्ल्ड कप का रविवार 19 नवंबर को समापन हो गया। इस वर्ल्ड कप में भारतीय क्रिकेट टीम ने सेमीफाइनल तक शानदार प्रदर्शन किया और एक भी मैच नहीं हारी। फाइनल से पहले इस बार टीम इंडिया वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाने से एक कदम दूर थी। लेकिन फाइनल में मिली करारी हार के बाद सारी मेहनत बेकार हो गई है। तालियों गड़गड़ाहट थम गई।  ऑस्ट्रेलिया ने शानदार खेल दिखाते हुए वर्ल्ड कप ट्रॉफी पर कब्जा किया। वर्ल्ड कप का फाइनल टीम इंडिया को 4 साल का दर्द दे गया। भारत की हार के बाद दुनिया का सबसे बड़ा नरेंद्र मोदी स्टेडियम शांत हो गया। मैदान में चारों ओर सन्नाटा छा गया। एक लाख से अधिक स्टेडियम में बैठे दर्शकों की आंखें नम हो गई। वर्ल्ड कप में लगातार 10 मैच जीतने पर बजने वाली तालियां गायब थी। स्टेडियम ही नहीं बल्कि टीवी और मोबाइल पर देख रहे करोड़ों देशवासी निराश हो गए। 

भारतीय क्रिकेट टीम को जिताने के लिए पूरा देश रविवार सुबह से ही जोश में था। फाइनल की हार आंसू बनकर बह गई। एक हार ने सब बेकार कर दिया। लोगों ने टीम इंडिया की जीत पर दीपावली के पटाखे भी संभाल कर रखे थे। सभी पटाखे धरे रह गए। टूर्नामेंट में लगातार 10 में जीतने के बाद भी भारत विजेता नहीं बन सका। देश के करोड़ों क्रिकेट प्रेमी निराश हैं। फाइनल में भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी एक बार फिर दबाव में दिखाई दिए। वहीं, भारत का तीसरी बार ट्रॉफी जीतने का सपना टूट गया। उसने टूर्नामेंट में लगातार 10 मैच जीते, लेकिन 11वें मुकाबले में टीम पिछड़ गई। 

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में करोड़ों भारतीय फैंस का दिल तोड़कर विश्व कप 2023 का खिताब अपने नाम कर लिया। फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हराया। कंगारू टीम रिकॉर्ड छठी बार वनडे क्रिकेट में विश्व चैंपियन बनी है। वहीं पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन खेल दिखाने वाली रोहित सेना इस हार से मायूस हो गई। इस हार ने भारतीय फैंस को 2003 वर्ल्ड कप फाइनल की याद दिला दी। 20 साल पहले कंगारुओं ने हमें जोहान्सबर्ग में 125 रन से हराया था। अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में टीम इंडिया टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 240 रन पर ऑलआउट हो गई। 241 रन का टारगेट ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने 43 ओवर में 4 विकेट खोकर हासिल कर लिया। 

ट्रैविस हेड ने 137 रन की शतकीय पारी खेली, जबकि मार्नस लाबुशेन ने नाबाद 58 रन बनाए। इससे पहले, मिचेल स्टार्क ने 3 विकेट झटके, जबकि कप्तान पैट कमिंस और जोश हेजलवुड को 2-2 विकेट मिले। ट्रैविस हेड प्लेयर ऑफ द मैच रहे। कोहली ने इस वर्ल्ड कप में कुल 765 रन बनाए हैं। उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया। ट्रैविस हेड प्लेयर ऑफ द मैच रहे। यह 2013 के बाद से 9वां मौका है जब भारतीय टीम ने किसी टूर्नामेंट का सेमीफाइनल या फाइनल मैच हारकर खिताब जीतने का मौका गंवाया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम को 33.31 करोड़ की भारी भरकम रकम प्राइज मनी के तौर पर मिला है। वहीं रनर अप रहने वाली भारतीय टीम के खाते में 16.65 करोड़ की रकम आई है। आईसीसी ने पहले ही टूर्नामेंट में विजेता और उपविजेता को मिलने वाली प्राइज मनी की घोषणा कर दी थी। 

वहीं बात करें टूर्नामेंट के पूरे प्राइज मनी की तो यह 83.29 करोड़ यानी 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर थी। विजेता और उपविजेता टीम के अलावा सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली और लीग स्टेज से ही बाहर रहने वाली अन्य छह टीमों को भी प्राइज मनी मिला। साउथ अफ्रीका और न्यूजीलैंड की टीम सेमीफाइनल में हारकर टूर्नामेंट से बाहर हुई थी। ऐसे में इन दोनों टीमों को 6.66 करोड़ की रकम मिली। वहीं नॉकआउट से बाहर होने वाली सभी 6 टीमों को 33.61 लाख रुपए मिले। अब 4 साल बाद साल 2027 में एक बार फिर क्रिकेट का वर्ल्ड कप होगा। तब तक टीम इंडिया और भारतीय खेल प्रशंसकों को इंतजार करना होगा।

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