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Dussehra 2022: 75 साल के शंभू बाबा बना रहे रावण का पुतला, बोले-राम उन्हें अच्छे लगते हैं

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हल्द्वानी। उत्तराखंड के हल्द्वानी जिले की रामलीला देखने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस रामलीला में दहन किये जाने रावण परिवार के पुतले को कौन बनाता है। बता दें कि हल्द्वानी रामलीला के पुतले काफी पसंद किए जाते हैं। इन पुतलों को पिछले 60 सालों से शंभू बाबा बना रहे हैं। बाबा बताते हैं कि उनकी दो पीढ़ियां पुतले बनाते हुए आ रही हैं। वे परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्य हैं जो पुतले बना रहे हैं। उनका कहना है, ” वह भले ही रावण का पुतला बनाते हैं, लेकिन वह भगवान राम के भक्त हैं। उन्हें राम का किरदार अच्छा लगता है।

शंभू बाबा का कहना है कि रावण परिवार के 6 पुतले बनाने में इस साल 1 लाख 35 हजार रुपये का खर्च आया है। उन्होंने रावण, कुंभकर्ण, मेघनाथ सहित कुल 6 पुतले बनाए हैं। इन पुतलों की लंबाई 40 से 50 फुट के बीच होती है। पुतलों में पटाखे भी लगाए जाते हैं। बता दें कि शंभू बाबा उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के बहेड़ी के रहने वाले हैं। इनके पिता भी रामलीला में रावण परिवार के पुतले बनाते थे और अब शंभू बाबा भी वहीं काम करते हैं। उनके इस काम में उनके उनके परिवार के लोग भी उनका हाथ बंटाते हैं।

शंभू बाबा बताते हैं के उनके परिवार के लोग करीब 100 सालों से रामलीला में पुतले बनाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले रामलीला में रावण परिवार का पुतला बनाने के लिए मात्र 7 हजार रूपये का ठेका लिया जाता था लेकिन इस साल 1 लाख 35 हजार रूपये का ठेका लिया गया है।

137 साल पुराना है इतिहास

बता दें कि उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के प्रवेश द्वार हल्द्वानी में दिन की रामलीला एक शुभारंभ हो गया। यहाँ दिन की रामलीला का इतिहास 137 साल पुराना है। शहर में कई दशकों से मुख्य बाजार क्षेत्र में स्थित रामलीला मैदान में इसका आयोजन धूमधाम से किया जाता रहा है। इस रामलीला को देखने के लिए हल्द्वानी ही नहीं बल्कि कई अन्य शहरों से भी लोग आते हैं। इस रामलीला की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह स्टेज पर नहीं बल्कि खुले मैदान में की जाती है जबकि हल्द्वानी में अधिकतर रामलीला का आयोजन स्टेज पर होता है।

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