जी20 शिखर सम्मेलन में भारत को मिली बड़ी कामयाबी, साझा घोषणा पत्र पर बनी सहमति

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(G20 Summit)

राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक में पहले दिन शनिवार को भारत को इस शिखर सम्मेलन में बड़ी कामयाबी मिली है। सम्मेलन के दूसरे सत्र में लीडर्स डिक्लेरेशन या कहें कि इस शिखर सम्मेलन के साझा घोषणा-पत्र पर सहमति बन गई है। सम्मेलन के दूसरे सत्र 'वन फैमिली' में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जताते हुए इसका एलान किया है। उन्होंने कहा-एक खुशखबरी मिली है। हमारी टीम की कठिन मेहनत और आप सबके सहयोग से जी 20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन पर सहमति बनी है। मेरा प्रस्ताव है कि लीडर्स डिक्लेरेशन को भी अपनाया जाए। मैं भी इस डिक्लेरेशन को अपनाने की घोषणा करता हूं। इससे पहले पीएम मोदी ने जी20 सम्मेलन के पहले सत्र में कहा था कि 21वीं सदी दुनिया को नयी दिशा देने का समय है। खास बात ये है कि पीएम मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश का नाम लेते समय ‘भारत' शब्द का इस्तेमाल किया। जी20 के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व जनसंख्या का लगभग दो-तिहाई प्रतिनिधित्व करते हैं। अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के एक मंच के रूप में यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक व्यवस्था और शासन को आकार देने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत की ओर से जी-20 शिखर सम्मेलन की थीम 'वसुधैव कुंटुंबकम' रखी गई है। इसलिए इस शिखर सम्मेलन में वसुधैव कुटुंबकम की थीम पर ही 'वन अर्थ', 'वन फैमिली' और 'वन फ्यूचर' सत्र होंगे। राजधानी में जी-20 समिट 2 दिन 9 और 10 सितंबर तक होगी। यह सम्मेलन राजधानी के प्रगति मैदान के भारत मंडपम में आयोजित किया जा रहा है। ‌

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रात्रिभोज में मल्लिकार्जुन खड़गे को न बुलाने पर भड़का विपक्ष--


शनिवार शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी20 शिखर सम्मेलन में आए विदेशी मेहमानों के साथ डिनर का आयोजन किया गया है। ‌लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को इस रात्रिभोज के लिए निमंत्रण नहीं मिला है। इसके बाद कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राष्ट्रपति के जी20 रात्रिभोज में न बुलाना लोकतंत्र पर हमला है और सत्तारूढ़ सरकार की सोच को दर्शाता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा- मुझे मीडिया के जरिए यह जानकारी मिली है कि जी20 में राष्ट्रपति के द्वारा आयोजित नेताओं के डिनर में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाया गया है। अभी ऐसी स्थिति नहीं है, जहां लोकतंत्र और विपक्ष का अस्तित्व खत्म हो जाए। वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के डिनर पार्टी में नहीं बुलाने पर प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा- उन्हें (केंद्र) लो लेवल की राजनीति नहीं करनी चाहिए। यह अच्छा नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि यह कार्रवाई इस कदम के पीछे की सोच के बारे में बताती है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि चूंकि विपक्ष लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए विपक्ष के नेता को आमंत्रित नहीं करना लोकतंत्र पर हमला है। संजय राउत ने कहा कि आपने मनमोहन सिंह को डिनर में बुलाया है, आपको मालूम है कि मनमोहन सिंह की तबीयत ठीक नहीं है वह नहीं आने वाले हैं, लेकिन विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को नहीं बुलाया है। अगर लोकतंत्र में विपक्ष के नेता को स्थान नहीं है तो यह तानाशाही है। इतना बड़ा सम्मेलन देश में हो रहा है। आपको सबको बुलाकर बात करनी चाहिए। 2024 में हमारी सरकार आएगी, लेकिन हम सत्ता में रहेंगे तो यह गलती हम नहीं करेंगे। अगर मोदी जी विपक्ष के नेता होंगे तो उन्हें भी न्योता दिया जाएगा।

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