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जनपद हरिद्वार की इकबालपुर स्थित चीनी मिल द्वारा गन्ना किसानों का वित्तीय वर्ष 2017-2018 और 2018-2019 के करोड़ों रुपए के बकाये का पेमेंट नहीं करने के मामले में हाईकोर्ट ने डीएम हरिद्वार की रिपोर्ट के आधार पर फिलहाल गन्ना किसानों का 14 करोड़ का भुगतान करने के आदेश दिए हैं।
चीफ जज आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के मुताबिक हरिद्वार निवासी नितिन ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि हरिद्वार स्थित इकबालपुर चीनी मिल (धनश्री एग्रो) में गन्ना किसानों का 2017-18 का 108 करोड़ और 2018-19 का 109 करोड़ का पेमेंट बकाया है।
आवेदक का कहना था कि सरकार के आदेश पर चीनी मिल को सॉफ्ट लोन के रूप में 214 करोड़ रुपये का विभिन्न बैंकों से लोन दिलाया गया, जबकि जनता की ओर से जमा राशि को सॉफ्ट लोन के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
पूर्व में सरकार ने शुगर मिल की चीनी जब्त भी की थी। इस मामले में डीएम हरिद्वार ने कोर्ट को बताया कि इकबालपुर चीनी मिल प्रशासन को सहयोग नहीं कर रही है। इस मिल से करीब 19903 किसान प्रभावित हैं। कोर्ट के आदेश पर प्रशासन द्वारा खोले गए खाते में चीनी बेचे जाने के बाद करीब 28 करोड़ रुपये जमा हुए हैं, जबकि देनदारी 154 करोड़ की है।
सरकार फिलहाल ये रकम किसानों को बांटने के लिए तैयार है मगर बैंकों ने इस प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि मिल को बैंकों का 266 करोड़ का भुगतान करना है। जिस पर अदालत ने फिलहाल किसानों को कुल जमा राशि का 50 % यानी 14 करोड़ रुपया का भुगतान करने के लिए कहा है। शुगर मिल प्रशासन ने बताया कि मिल के पास जो चीनी जब्त है वो पीली पड़ गई है।