
कर्णप्रयाग/थराली। चट्टान दरकने और मलबा आने से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे बगोली, आमसौड़, नलगांव और हरमनी में बंद रहा जिससे सैकड़ों यात्री घंटों फंसे रहे। इसके अतिरिक्त पिंडरघाटी में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी ठप रही। दोपहर तक हरमनी में हाईवे पर यातायात बहाल कर दिया गया था लेकिन रास्ते में ही फंसे रहे। बागेश्वर से अपने घर नारायणबगड़ आ रहे बीरेंद्र गुसाईं ने बताया कि वे 12 किमी पैदल चलकर दोपहर डेढ़ बजे अपने घर पहुंचे।
उधर, पंचपुलिया में मलबा आने से ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे भी लगभग तीन घंटे तह बाधित रहा जबकि कर्णप्रयाग-रानीखेत हाईवे पाडली में तीन जगहों पर मलबा आने से करीब छह घंटे तक आवागमन बंद रहा। वहीं सिमली और सिरोसैंण में मलबा आने से दो घंटे रास्ता बंद रहा। बताया जा रहा है टटासू गदेरा उफान पर आने से टटेश्वर महादेव मंदिर खतरे की जद में आ गया है। डिम्मर के उमा देवी मंदिर पर आम का पेड़ गिरने से मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया है।
भारी बारिश से कर्णप्रयाग में भी कई स्थानों पर हुई लैंडस्लाइड से लोग दहशत में रहे। यहां पहाड़ी से आए मलबे में तीन वाहन दब गए और कई घरों में मलबा घुस गया। राज्य में हो रही भारी बारिश की वजह से अलकनंदा और पिंडर समेत तमाम नदियां उफान पर है। वहीं कपीरी पट्टी के किमोली गांव में भूस्खलन में दबाकर तीन गायों की मौत हो गई।