Lok Sabha Election 2024 : मतदाताओं के मूड को भाप नहीं पा रही आत्ममुग्ध बीजेपी

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प्रभात वैभव डेस्क। लोकसभा चुनाव - 2024 में भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी ) आत्ममुग्धता का शिकार हो गयी लगती है। बीजेपी मतदाताओं के मूड को नहीं भाप पा रही है। उसे लगता है कि राम मंदिर के सहारे वह लगातार तीसरी बार देश की सत्ता में वापसी कर रही है। बीस वर्ष पहले भी इंडिया शाइनिंग और फीलगुड के नारों से आत्ममुग्ध बीजेपी सत्ता गंवा बैठी थी। इस बार भी कुछ ऐसा ही होता लग रहा है। बीजेपी को लग रहा है कि राम मंदिर की लहर में वह चुनावी वैतरणी पार कर लेगी, लेकिन आम मतदाताओं के लिए मंदिर नहीं, बल्कि महंगाई व बेरोजगारी अहम मुद्दा है, जिसे बीजेपी महसूस नहीं कर पा रही है।

उल्लेखनीय है कि पिछले कई वर्षों से देश की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है। शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति बेहद खराब है। देश की जनता महंगाई और बेरोजगारी से परेशान है। इन्हीं हालातों मे देश में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। ऐसे में आम चुनाव में देश की अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दे अहम हैं। आम मतदाता इन्हीं मुद्दों पर वोटिंग करेगा। विपक्षी दल खासतौर से कांग्रेस पहले से ही बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे उठा रहे हैं।

वहीँ बीजेपी चुनाव में विपक्षी दलों खासतौर से कांग्रेस की कमियों को गिना रही है। पीएम मोदी चुनावी सभाओं में प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू से लेकर मनमोहन सिंह तक की कमियां बता रहे हैं,लेकिन अपनी सरकार की दस वर्ष की उपलब्धियों के बारे में चर्चा से भी बच रहे हैं। पीएम मोदी समेत सभी शीर्ष बीजेपी नेताओं को उम्मीद है कि राम मंदिर की लहर के चलते बीजेपी भारी बहुमत के साथ लगातार तीसरी बार सरकार बनाएगी। अबकी बार, 400 पार, का नारा बीजेपी खासतौर से पीएम मोदी की आत्ममुग्धता को ही प्रतिध्वनित करता है।  

इन्हीं चुनावी परिस्थितियों में सीडीएस लोकनीति प्री पोल (CDS Lokniti Pre Poll) का सर्वे भी सामने आया है। इस सर्वे के मुताबिक़ बेरोजगारी, महंगाई, भ्रष्टाचार और बिगड़ती आर्थिक स्थिति मतदाताओं के लिए अहम है और इन्हीं मुद्दों पर वह मतदान करेंगे। ध्यातव्य है कि अर्थव्यवस्था में गिरावट का असर सबसे ज्यादा गरीब और मध्यवर्ग पर पड़ा है। सरकारी आंकड़ों में भले ही अर्थव्यवस्था चमक रही है, लेकिन मतदाता अपने ऊपर पड़ रहे असर को महसूस कर रहे हैं।

सीडीएस लोकनीति प्री पोल (CDS Lokniti Pre Poll) के सर्वे में दो तिहाई से ज्यादा लोगों ने माना कि पहले की तुलना में अब नौकरी हासिल करना मुश्किल हो गया है।  तीन चौथाई लोग बेरोजगारी के लिए केंद्र सरकार की नीतियों को जिम्मेदार मानते हैं। इसी तरह दो तिहाई लोग मानते हैं कि पिछले पांच साल में महंगाई में घोर इजाफा हुआ है। ग्रामीण इलाकों के गरीब लोग मंहगाई से ज्यादा प्रभावित हैं। 50 फीसदी लोगों का कहना है कि उन्हें अपना घर चलाने में परेशानी हो रही है। इन मुश्किल हालातों के लिए ज्यादातर लोग केंद्र की मोदी सरकार को जिम्मेदार मानते हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव नतीजों का अनुमान लगाया जा सकता है। 

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