
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमित शाह पर ज़रूरत से ज़्यादा भरोसा न करने की सलाह दी है। उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे से लौटने के बाद ममता बनर्जी ने बयान देते हुए कहा, "मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करना चाहूंगी कि अमित शाह पर ज़रूरत से ज़्यादा भरोसा न करें, जो एक दिन उनके मीर जाफ़र बन सकते हैं।" उन्होंने अमित शाह पर देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार करने का भी आरोप लगाया। इसके साथ ही, तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने भाजपा के शीर्ष नेताओं पर चुनाव आयोग के कामकाज में दखलंदाज़ी करने और मतदाता सूची से नाम हटाने की धमकी देने के गंभीर आरोप भी लगाए।
मीर जाफ़र से तुलना: राजनीतिक पैंतरेबाज़ी पर हमला
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार (8 अक्टूबर, 2025) को एक बयान देकर सियासी हलचल मचा दी है। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तुलना 18वीं सदी के बंगाल के सेनापति मीर जाफ़र से की। इतिहास में मीर जाफ़र को प्लासी के ऐतिहासिक युद्ध में नवाब सिराजुद्दौला को धोखा देने और बंगाल का शासक बनने के लिए अंग्रेजों से हाथ मिलाने के लिए जाना जाता है।
ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सीधा संदेश देते हुए कहा कि अमित शाह पर उनका ज़रूरत से ज़्यादा भरोसा एक दिन उनके लिए ख़तरा बन सकता है। उन्होंने पीएम मोदी को चेतावनी देते हुए कहा, "अभी भी समय है, संभल जाइए, क्योंकि सुबह सब कुछ बता देगी।" उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह जिस तरह का व्यवहार कर रहे हैं, उससे लगता है कि वे इस देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री हैं, जो देश के लिए ठीक नहीं है।
चुनाव आयोग के काम में भाजपा का हस्तक्षेप ?
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ने भाजपा के शीर्ष नेताओं पर चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का गंभीर आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा के एक नेता ने जनसभा कर बंगाल की मतदाता सूची से लाखों नाम हटाने की बात कही है।
ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब राज्य इस समय प्राकृतिक आपदाओं, भारी बारिश और त्योहारों का सामना कर रहा है, तो क्या ऐसी परिस्थितियों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया 15 दिनों में पूरी करके नए नाम अपलोड करना व्यावहारिक रूप से संभव है? उन्होंने सवाल किया कि क्या चुनाव आयोग को भाजपा के इशारे पर काम करना चाहिए या फिर लोकतंत्र और लोगों के नागरिक अधिकारों के हित में काम करना चाहिए।
ओवैसी ने प्रधानमंत्री मोदी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, "भाजपा और केंद्र सरकार ने ऐसे लोगों के दिलों में ज़हर भर दिया है।" उन्होंने चेतावनी दी कि देश की राजनीति हमेशा ऐसे ही नहीं चलेगी और इस अहंकारी और तानाशाही शासन का अंत निकट है।