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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती पर पूरा चमोली जनपद राष्ट्रभक्ति और एकता के रंग में रंगा नजर आया। यह अवसर केवल श्रद्धांजलि का नहीं, बल्कि देश की एकता और अखंडता के संकल्प को दोहराने का था।

माणा से गैरसैंण तक गूंजा “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” का नारा

पुलिस अधीक्षक सुरजीत सिंह पंवार के नेतृत्व में बद्रीनाथ धाम से लेकर गैरसैंण तक राष्ट्रीय एकता दिवस का भव्य आयोजन हुआ।
पुलिस अधीक्षक ने देश के प्रथम गांव माणा से ‘रन फॉर यूनिटी’ को हरी झंडी दिखाकर शुरुआत की।
इस दौड़ में पुलिस, सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ, फायर सर्विस, होमगार्ड, स्थानीय लोग, मंदिर समिति, पंडा पंचायत और निर्माण कंपनियों के श्रमिकों ने भाग लेकर एकता का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया।

दौड़ के बाद सभी प्रतिभागियों ने मंदिर परिसर और पवित्र अलकनंदा नदी तट पर ‘स्वच्छता महाअभियान’ चलाया, जिससे समाज में स्वच्छता और जिम्मेदारी का संदेश गया।

कर्णप्रयाग में ‘एकता की शपथ’ और खेल भावना का उत्सव

पुलिस उपाधीक्षक त्रिवेन्द्र सिंह राणा ने पुलिस लाइन, कार्यालय और स्पोर्ट्स स्टेडियम में जवानों व नागरिकों को दृढ़ एकता और अखंडता की शपथ दिलाई।
इसके बाद आयोजित क्रॉस कंट्री रेस में विजेताओं को सम्मानित किया गया।
पुलिस जवानों ने दिन का समापन श्रमदान कर किया — यह अनुशासन और समाजसेवा की सच्ची मिसाल रही।

पोखरी और गोविंदघाट में युवाओं का उत्साह चरम पर

पोखरी थाना पुलिस द्वारा आयोजित रन फॉर यूनिटी में एक अद्वितीय पहल की गई —
रैली को हरी झंडी स्थानीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिजनों ने दी।
इससे युवाओं को अपने स्वतंत्रता संग्राम के गौरवशाली इतिहास से जुड़ने का अवसर मिला।

वहीं कोतवाली गोविंदघाट पुलिस ने रन फॉर यूनिटी के तहत गोविंदघाट पुल से लामबगड मार्केट तक यूथ मैराथन आयोजित की, जिसने यात्रियों और स्थानीय लोगों का ध्यान आकर्षित किया।

नंदानगर में छात्रों ने संभाली देशभक्ति की मशाल

नंदानगर पुलिस ने इस अभियान में छात्रों को केंद्र में रखा।
स्कूलों में भव्य रैली निकाली गई, जिसने पूरे क्षेत्र में देशभक्ति का वातावरण बना दिया।
इसके बाद राइका बांजबगड में सामूहिक राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई गई, जिससे विद्यार्थियों में राष्ट्रभक्ति और जिम्मेदारी की भावना को मजबूती मिली।

एकता, स्वच्छता और देशभक्ति का संगम

पूरे कार्यक्रम ने यह साबित किया कि सरदार पटेल की एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।
चमोली ने इस आयोजन के ज़रिए न केवल एकता का संदेश दिया, बल्कि साफ-सुथरे और संगठित भारत की दिशा में कदम बढ़ाया।