
नैनीताल। पर्यटकों के आकर्षण की केंद्र सरोवर नगरी नैनीताल की तलहटी में बसा बलियानाला इलाका वैसे तो अपने आप में बेहद खूबसूरत है लेकिन आये दिन होने वाला भूस्खलन यहां रहने वाले लोगों को चैन से नहीं रहने देता है। यहां के लोग न तो दिन में सुकून से रह पाते हैं और न ही रात में चैन से सो पाते हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई साल बीत जाने के बाद भी इस पहाड़ी इलाके में स्थायी ट्रीटमेंट को लेकर कोई भी ठोस व्यवस्था नहीं हो पाई है। उत्तराखंड में इस साल का प्री-मानसून दस्तक दे चुका है। ऐसे में एक बार फिर से नैनीताल की इस पहाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में बसे लोगों के मन में भूस्खलन को लेकर दहशत का माहौल है।
हालांकि इस पहाड़ी इलाके में भूस्खलन की रोकथाम के लिए किए जाने वाले स्थाई ट्रीटमेंट संबंधी डीपीआर बनाने का काम चल रहा है, लेकिन डीपीआर बनने और बजट पास होने के बाद भी इसमें वर्षों का समय लगेगा। फिलहाल के लिए प्रशासन की तरफ से अभी वहां रह रहे लोगों के लिए अस्थायी रूप से नगर से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर दुर्गापुर क्षेत्र में रहने की व्यवस्था की गई है।
दुर्गापुर में की गई है अस्थायी व्यवस्था
नैनीताल के एसडीएम प्रतीक जैन का कहना है कि कुछ लोग तो पहले ही बलियानाला क्षेत्र को छोड़कर दुर्गापुर में जा चुके हैं। वहीं बाकी लोगों से भी अपील की जा रही है कि बरसात अधिक बढ़ने से पहले वे भी संवेदनशील इलाकों को छोड़कर दुर्गापुर में अपने-अपने अलॉट किए मकानों में चले जाएं, जिससे जानमाल का नुकसान न हो।