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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मुज़फ़्फ़रनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक सनसनीखेज दावा करके सियासी गरमाहट पैदा कर दी है। पश्चिम बंगाल में बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर उन्होंने सीधा आरोप लगाया है कि इस मस्जिद के निर्माण में 70 प्रतिशत योगदान भारतीय जनता पार्टी (BJP) का है। इसके अलावा, उन्होंने उत्तर प्रदेश में घुसपैठियों की जाँच, मतदाता सूची के पुनरीक्षण (SIR) और वंदे मातरम जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भी अपनी स्पष्ट राय रखी।

'मस्जिद निर्माण राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा' मंगलवार (9 दिसंबर) को मुज़फ़्फ़रनगर में मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने मुर्शिदाबाद में बन रही बाबरी मस्जिद को लेकर उठे विवाद पर चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि, "वहाँ बन रही मस्जिद के निर्माण में भाजपा की बड़ी भूमिका है और लगभग 70 प्रतिशत भूमिका उनकी है।" टिकैत के अनुसार, यह पूरा मामला पूरी तरह से राजनीतिक है और आने वाले समय में चुनावी फ़ायदे के लिए इस मुद्दे पर नए-नए दावे सामने आते रहेंगे।

इमरान मसूद के बयान का समर्थन: कांग्रेस सांसद इमरान मसूद के बयान के बारे में पूछे जाने पर टिकैत ने कहा कि मसूद खुद एक ज़िम्मेदार सांसद हैं और मुस्लिम समुदाय से आते हैं। इस मुद्दे पर उनकी प्रतिक्रिया ही काफ़ी है। टिकैत ने सुझाव दिया कि इमरान मसूद के बयान को ठीक से समझा जाना चाहिए ताकि अनावश्यक विवादों से बचा जा सके।

'घुसपैठियों को बाहर किया जाना चाहिए' टिकैत ने उत्तर प्रदेश में चल रहे जाँच अभियान पर सरकार का समर्थन किया। उन्होंने साफ़ कहा कि कोई भी घुसपैठिया, चाहे वह कहीं से भी आया हो, देश में अवैध रूप से नहीं रहना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति बिना दस्तावेज़ों के रह रहा है, तो सरकार और व्यवस्था को उसकी पहचान करके उसे बाहर करना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई देश की सुरक्षा और प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है, यह किसी धर्म या समुदाय विशेष के विरुद्ध नहीं है।

एसआईआर प्रक्रिया और डबल वोटिंग पर सलाह: राकेश टिकैत ने एसआईआर (स्टैंडर्ड इंडेक्स रजिस्ट्रेशन) प्रक्रिया का स्वागत किया, लेकिन साथ ही यह भी मांग की कि लोगों को दस्तावेज़ पूरे करने के लिए और समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने लोगों को आगाह किया कि अगर दस्तावेज़ पूरे नहीं होंगे, तो बाद में उन्हें वोट देने से वंचित कर दिया जाएगा और फिर आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं होगा। दो जगहों पर मतदाता सूची में नाम होने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, "मेरे परिवार के भी दो जगहों (एक सिसौली गाँव और एक मुज़फ़्फ़रनगर) पर नाम थे, जिनमें से एक जगह हमने नाम रद्द करवा लिया है।" उन्होंने लोगों से अपील की कि भविष्य में कानूनी झंझटों से बचने के लिए अपना नाम एक ही जगह पर रखें।

वंदे मातरम: 'यह किसी दल का मुद्दा नहीं, राष्ट्रीय मुद्दा है' किसान नेता ने वंदे मातरम गीत को लेकर चल रहे विवाद पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि वंदे मातरम किसी राजनीतिक दल का मुद्दा नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का विषय है। राष्ट्रीय हित के मुद्दों को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए और इस पर राजनीति करना ठीक नहीं है।