Prabhat Vaibhav,Digital Desk : दिल्ली-एनसीआर में हवा एक बार फिर जहरीली होती जा रही है। दिवाली से पहले ही वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इसी को देखते हुए दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए हैं। सरकार ने आदेश दिया है कि 1 नवंबर से दिल्ली में यूरो-4 मानक वाले माल वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
सूत्रों के अनुसार, आने वाले दिनों में यूरो-4 बसों पर भी रोक लग सकती है। अगर ऐसा होता है, तो उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।
उत्तराखंड से रोज़ाना 2000 यूरो-4 ट्रक आते हैं दिल्ली
हर दिन उत्तराखंड से लगभग 2000 यूरो-4 माल वाहन दिल्ली-एनसीआर की ओर जाते हैं। दिल्ली सरकार के इस नए आदेश के बाद ट्रांसपोर्ट सेक्टर में हड़कंप मच गया है। अगर हालात जल्द नहीं सुधरे, तो सरकार बसों पर भी इसी तरह के प्रतिबंध लागू कर सकती है।
वर्तमान में उत्तराखंड से 400 रोडवेज बसें रोज़ाना दिल्ली जाती हैं, जिनमें वाल्वो बीएस-6, सीएनजी और सामान्य बसें शामिल हैं। यदि यूरो-4 बसों के प्रवेश पर रोक लगाई जाती है, तो रोडवेज केवल 158 बसें ही दिल्ली रूट पर चला पाएगा। इससे निगम को बड़ा वित्तीय नुकसान होगा।
ट्रांसपोर्टर्स में बढ़ी चिंता
ऑल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट कांग्रेस, उत्तराखंड के अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद उनियाल ने बताया कि अभी तक यूरो-4 वाहनों के प्रवेश के लिए 1700 रुपये ग्रीन टैक्स लिया जा रहा था। लेकिन अब जब प्रवेश पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, तो ट्रांसपोर्टरों को भारी नुकसान झेलना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इस मामले में जल्द ही दिल्ली सरकार से पुनर्विचार की मांग की जाएगी।
रोडवेज ने दी सफाई
रोडवेज के महाप्रबंधक (संचालन) क्रांति सिंह ने बताया कि उत्तराखंड की यूरो-4 बसों को 2026 तक दिल्ली में संचालन की अनुमति मिली हुई है। इसलिए फिलहाल यात्रियों या निगम को चिंता करने की जरूरत नहीं है। दिल्ली सरकार का मौजूदा आदेश केवल माल वाहनों पर लागू है, बसों पर नहीं।




