आज 27 सितंबर है। यह तारीख उन लोगों के लिए बहुत ही मायने रखती है जो घूमने फिरने और नए पर्यटन स्थलों की खोज में रहते हैं। भारत समेत दुनिया भर के देशों में कई पर्यटन स्थल ऐसे हैं जो सैलानियों को लुभाते हैं। वहीं कई देशों की अर्थव्यवस्था पर्यटन उद्योग पर ही आधारित है। भारत में भी कई राज्य ऐसे हैं जिनकी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी हुई है। इसके साथ पर्यटन पर कई सेक्टर भी निर्भर है। जिसमें विमानन, होटल और परिवहन के साथ अन्य उद्योग भी पर्यटन सेक्टर से जुड़े हुए हैं। कोरोना काल के बाद एक फिर से पर्यटन उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। एक बार फिर देश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर रौनक लौट आई है।
वहीं जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, सिक्किम, दार्जिलिंग, राजस्थान, केरल, ऊंटी, दार्जिलिंग, वाराणसी, आगरा, उदयपुर, समेत आदि शहर पूरे साल भर पर्यटकों से गुलजार रहते हैं। अब बात को आगे बढ़ते हैं। आज दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय पर्यटन दिवस धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। हर साल 27 सितंबर को यह दिवस मनाया जाता है। पर्यटन दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यटन के जरिए रोजगार को बढ़ावा देने, लोगों को पर्यटन के प्रति जागरूक करने और अधिक से अधिक पर्यटन स्थलों के बारे में लोगों को जानकारी देना है। विश्व पर्यटन दिवस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टूरिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, ताकि देशों को पर्यटन के लिहाज से एक दूसरे से जोड़ा जा सके।
यात्रियों को अपने देश के अलावा विदेशी पर्यटक स्थलों के बारे में भी पता चले और वह दूसरे देश के पर्यटन के जरिए विदेशी संस्कृति को करीब से जान पाए। इस अवसर पर भारत में कई आयोजन किए जाते हैं। जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में विश्व पर्यटन दिवस पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। पर्यटन विभाग मनाली में विश्व पर्यटन दिवस धूमधाम से मनने जा रहा है। पर्यटन विभाग की ओर से दिन भर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।
मॉलरोड में पर्यटकों का स्वागत किया जाएगा। पर्यटकों के लिए आकर्षक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। मॉलरोड में फोटो स्टॉल लगाया जाएगा। जहां पर पर्यटक कुल्लवी परिधान में फोटो खिंचवा सकेंगे। होटल एसोसिएशन के कार्यालय के समीप ही हिमाचली व्यंजनों का स्टॉल लगेगा। स्टॉल में कुल्लू के अलावा हिमाचल के परंपरागत व्यंजन परोसे जाएंगे। शाम छह बजे के बाद पर्यटकों के लिए माल रोड में सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाएगा। ऐसे ही उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटन दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
साल 1980 में पहली बार विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया था--
साल 1980 में पहली बार विश्व पर्यटन दिवस मनाया गया था, जिसकी शुरुआत के पीछे संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन था। जानकारी के मुताबिक इस खास दिन को मनाने के लिए 27 सितंबर की ही तारीख इसलिए चुनी गई, क्योंकि इसी दिन साल 1970 में संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन को मान्यता प्राप्त हुई थी। लिहाजा संयुक्त राष्ट्र विश्व व्यापार संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) की वर्षगांठ के मौके पर ही विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। भारत अपना राष्ट्रीय पर्यटन दिवस 25 जनवरी को मनाता है।
घूमने का शौक रखने वाले नए नए पर्यटन स्थलों की खोज में रहते हैं। कई कारणों से पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटकों को आकर्षित करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। पर्यटन दिवस को मनाने का उद्देश्य पर्यटन के जरिए रोजगार को बढ़ावा देना भी है। कोरोना काल के दौरान दुनियाभर के देशों के टूरिज्म को झटका लगा था और उनकी अर्थव्यवस्था बैठ गई थी।
कोरोना के बाद टूरिज्म सेक्टर ने फिर से रफ्तार पकड़ी और लोग अपने घरों से बाहर निकलकर अलग-अलग देशों और टूरिस्ट डेस्टिनेशन की सैर करने लगे । हर साल विश्व पर्यटन दिवस की मेजबानी दुनिया का कोई एक देश करता है। 2022 में विश्व पर्यटन दिवस का मेजबान देश इंडोनेशिया था। इस बार सऊदी अरब विश्व पर्यटन दिवस 2023 की मेजबानी कर रहा है।
विश्व पर्यटन दिवस की एक खास थीम होती है। पिछले सात की थीम Rethinking Tourism थी। कोरोना महामारी से पर्यटन को काफी नुकसान हुआ था, इस ओर अधिक ध्यान दिए जाने के लिए यह थीम तय की गई थी। विश्व पर्यटन दिवस 2023 की थीम Tourism And Green Investments यानी पर्यटन और हरित निवेश है।