
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार (20 मई) को एक नई और महत्वाकांक्षी मिसाइल रक्षा प्रणाली 'गोल्डन डोम' के निर्माण की घोषणा की। इस प्रणाली का उद्देश्य उपग्रह के माध्यम से हवा में दुश्मन की मिसाइलों का शीघ्रता से पता लगाना, उनका पता लगाना और उन्हें नष्ट करना है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने 'गोल्डन डोम प्लान' के लिए 25 बिलियन डॉलर का प्रारंभिक बजट निर्धारित किया है। हालाँकि, पूरी प्रणाली के निर्माण पर लगभग 175 बिलियन डॉलर की लागत आएगी। इसका निर्माण पूर्णतः अमेरिका में किया जाएगा।
President Trump announced the Golden Dome missile defense shield to protect the homeland from advanced missile threats.
— The White House (@WhiteHouse) May 21, 2025
Included in the One, Big, Beautiful Bill, this project aims to ensure American security. Congress must pass the bill and send it to the President’s desk. pic.twitter.com/U0gwZ9DNnV
गोल्डन डोम परियोजना के बारे में बात करते हुए राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा कि यह मेरे कार्यकाल के अंत तक तैयार हो जाएगी। ट्रम्प प्रशासन ने जनरल माइकल गुइटलिन को गोल्डन डोम परियोजना की जिम्मेदारी सौंपी है। यह इजरायल की 'आयरन डोम' प्रणाली से प्रेरित है, लेकिन इसका दायरा बहुत बड़ा और अंतरिक्ष आधारित है। इसमें सैकड़ों निगरानी उपग्रहों का नेटवर्क शामिल होगा। ये उपग्रह प्रक्षेपण के तुरंत बाद मिसाइलों को नष्ट करने में मददगार साबित होंगे। यह वास्तविक समय डेटा साझाकरण और रडार इंटेलिजेंस से लैस होगा। इसके अलावा, इसमें एआई-आधारित ट्रैकिंग और फायर कमांड भी शामिल होगा। यह प्रणाली अमेरिका की रक्षा रणनीति में अंतरिक्ष आधारित रक्षा की पहली पंक्ति होगी।
PROMISES MADE, PROMISES KEPT: THE GOLDEN DOME
— The White House (@WhiteHouse) May 20, 2025
'A generational investment in the security of America and Americans.' - @SecDef ???????????????? pic.twitter.com/v2YwImKB0E
कनाडा की भागीदारी और अंतर्राष्ट्रीय आयाम
ट्रम्प ने घोषणा की कि कनाडा ने गोल्डन डोम परियोजना में रुचि दिखाई है और अमेरिका अपने उत्तरी पड़ोसी की मदद करने के लिए तैयार है। अमेरिका इस परियोजना को केवल घरेलू सुरक्षा तक सीमित नहीं रखना चाहता। इससे नाटो देशों के साथ साझेदारी के नए द्वार खुल सकते हैं। यह चीन और रूस जैसे देशों के लिए भी एक राजनीतिक संदेश है। जनरल माइकल गुइटलिन को इस प्रणाली का निदेशक और पर्यवेक्षक कमांडर नियुक्त किया गया है।
अमेरिका ने पहले ही काम शुरू कर दिया है।
पेंटागन ने पहले ही सेंसर, उपग्रह और मिसाइल परीक्षणों की योजना बना ली है। बजट अनुमोदन के साथ निर्माण का प्रारंभिक चरण चल रहा है । गोल्डन डोम परियोजना को ट्रम्प ने चुनावी वादे के रूप में पेश किया था, जो अब नीति में बदल गया है। इसकी मदद से अमेरिका वास्तविक समय में आईसीबीएम, हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइलों पर नज़र रख सकेगा और उन पर प्रतिक्रिया दे सकेगा। अमेरिका अंतरिक्ष में प्रभुत्व में आगे बढ़ेगा। संवेदनशील प्रणाली होने के बावजूद यह उच्च सुरक्षा रक्षा प्रणाली साबित होगी।