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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश में शहरों के भवन निर्माण से जुड़े नियमों को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसी सिलसिले में गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा एक अहम बैठक बुलाई गई है। इसमें प्रदेशभर के सभी विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद के अधिकारी शामिल होंगे।

बैठक की अध्यक्षता प्रमुख सचिव पी. गुरू प्रसाद करेंगे। इसमें आवास आयुक्त, प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष, सचिव, नगर नियोजक, इंजीनियर और अवर अभियंता शामिल होंगे। इस बैठक में 4 जुलाई 2025 से लागू हुई उत्तर प्रदेश विकास प्राधिकरण भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां और आदर्श जोनिंग रेगुलेशन्स-2025 पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

बैठक में मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजक और आवास बंधु के अधिकारी नई उपविधियों की बारीकियों को समझाएंगे। इसके अलावा, देश के विभिन्न राज्यों की उपविधियों का अध्ययन करने वाली संस्था Delight द्वारा एक विशेष प्रजेंटेशन भी पेश किया जाएगा।

अब तक 17 साल पुरानी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि-2008, शमन उपविधि-2009 और 20 शासनादेशों के आधार पर भवन मानचित्रों को मंजूरी दी जाती थी। अब इन्हें हटाकर नई 325 पृष्ठों की उपविधि लागू की गई है।

इस नई व्यवस्था के तहत भवन निर्माण की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और बिल्डरों को कई तरह की सहूलियतें दी गई हैं। खास बात यह है कि अब चौड़ी सड़कों के किनारे बने आवासीय भवनों में मिश्रित उपयोग (जैसे दुकान या दफ्तर खोलने) की अनुमति दी गई है।