
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड के प्रसिद्ध कैंची धाम में गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर देश-विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की मिसाल पेश की। सुबह से ही बाबा नीम करौरी महाराज के भक्त मंदिर के बाहर लंबी कतारों में लगे दिखे। हर कोई अपने आराध्य के चरणों में शीश झुकाकर मन की शांति और जीवन की समृद्धि की प्रार्थना कर रहा था।
गुरुवार को पूरे दिन मंदिर परिसर में धार्मिक आयोजन चलते रहे। बुधवार रात से ही अखंड रामायण पाठ की शुरुआत हो गई थी, जिसका समापन गुरुवार को हवन, पूर्णाहुति और महाआरती के साथ हुआ। इसके बाद श्रद्धालुओं को भंडारे का प्रसाद भी वितरित किया गया।
कैंची धाम के मुख्य गेट से लेकर हाईवे तक भक्तों की कतारें नजर आईं। जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया, मंदिर परिसर में भक्तों का उत्साह और श्रद्धा भी बढ़ती चली गई। रामनगर, हल्द्वानी, बरेली, काशीपुर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ सहित कई दूरदराज़ इलाकों से हजारों लोग बाबा के दर्शन के लिए पहुंचे।
भजन मंडलियों द्वारा प्रस्तुत किए गए भजन और कीर्तन ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया। बाबा के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने हनुमान चालीसा का पाठ करते हुए अपने जीवन में सुख, शांति और उन्नति की कामना की।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंधन और पुलिस प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की थीं। किसी को कोई असुविधा न हो, इसके लिए मंदिर समिति के सदस्य लगातार सेवा में जुटे रहे। आयोजन को सफल बनाने में पूर्व प्रबंधक विनोद जोशी, प्रबंधक प्रदीप साह, ट्रस्ट सचिव आलोक चोपड़ा, और अन्य कई सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह दिन केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि श्रद्धा, सेवा और समर्पण का प्रतीक बन गया, जिसे श्रद्धालु लंबे समय तक याद रखेंगे।