
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : शैक्षिक संस्थानों में छात्र-छात्राओं के साथ रैगिंग की घटनाओं को रोकने के लिए देहरादून जिलाधिकारी सविन बंसल ने एंटी रैगिंग कमेटी बनाने का आदेश दिया है। इस कदम के तहत इंटरमीडिएट और डिग्री कालेज, इंजीनियरिंग, प्रबंधन और मेडिकल कालेजों के साथ-साथ विश्वविद्यालयों में भी एंटी रैगिंग कमेटी बनाई जाएगी।
जिलाधिकारी इस कमेटी के अध्यक्ष होंगे। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व), संस्थानों के प्राचार्य/प्रधानाचार्य, संबंधित क्षेत्राधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी और स्वयंसेवी संस्था के पदाधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। डिग्री कालेजों में छात्रसंघ के पदाधिकारी भी इस कमेटी का हिस्सा होंगे।
गुरुवार को अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) केके मिश्रा ने सभी शैक्षिक संस्थानों और संबंधित विभागों को पत्र भेजकर तीन दिन में कमेटी गठित करने का निर्देश दिया। यह कदम सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के निर्देशों के साथ-साथ विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की सिफारिशों के अनुरूप लिया गया है।
संस्थानों को भी अपनी कमेटी बनानी होगी
जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट किया कि जिला स्तरीय एंटी रैगिंग कमेटी के अधीन प्रत्येक संस्थान को अपनी अंदरूनी एंटी रैगिंग कमेटी बनानी होगी। रैगिंग पीड़ित छात्र-छात्राएं पहले अपनी संस्थान की कमेटी में शिकायत दर्ज कराएंगे। इसके बाद यह कमेटी जिला स्तरीय कमेटी को मामले की जानकारी देगी और जांच करेगी। यदि संस्थागत कमेटी निष्पक्ष जांच या कार्रवाई नहीं करती, तो छात्र-छात्रा सीधे जिला स्तरीय कमेटी के पास अपील कर सकते हैं।
रैगिंग के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं
देहरादून में पहले भी कई रैगिंग और यौन-शोषण के मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में डालनवाला और पटेलनगर के बोर्डिंग स्कूलों में छात्र-छात्राओं के साथ रैगिंग के मामले दर्ज किए गए। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में भी एक छात्र के साथ रैगिंग का मामला सामने आया था। इससे पहले एक मेडिकल कालेज में एमबीबीएस छात्र के साथ रैगिंग के आरोप में दोषी छात्रों को निष्कासित किया गया था।
जिलाधिकारी ने कहा कि बोर्डिंग स्कूल, मेडिकल कालेज, इंजीनियरिंग और प्रबंधन कालेजों में एंटी रैगिंग कमेटी बनाने में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।