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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हर साल नौतपा यानी नौ दिनों की भीषण गर्मी की लहर मई के अंत में शुरू होती है। इस समय सूर्य पृथ्वी के सबसे निकट होता है, जिससे तापमान अपने चरम पर पहुंच जाता है। अहम बात यह है कि अत्यधिक गर्मी के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस बार नौतपा 25 मई से 8 जून 2025 तक चलेगा। ऐसे में अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं नौतपा के दौरान कौन सी चीजें नहीं खानी चाहिए?

नौतपा के स्वास्थ्य प्रभाव

नौतपा के दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं, जिससे तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। इसके कारण निर्जलीकरण, हीट स्ट्रोक, थकान, पेट की समस्याएं, त्वचा में जलन और हृदय संबंधी समस्याएं आम हो जाती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस दौरान खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए, क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ शरीर की गर्मी बढ़ा सकते हैं।

नौतपा के दौरान क्या नहीं खाना चाहिए?

गर्भावस्था के दौरान कुछ खाद्य पदार्थ खाने से न केवल स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचता है, बल्कि गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। इसमें बैंगन पहले स्थान पर आता है। आयुर्वेद के अनुसार, बैंगन की प्रकृति गर्म होती है, जो नौतपा के दौरान शरीर के तापमान को और बढ़ा सकता है। शोध के अनुसार, बैंगन में मौजूद कुछ यौगिक पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे गैस, अपच और सीने में जलन हो सकती है।

आपको भी इन चीजों से दूर रहना चाहिए।

लहसुन भी गर्म प्रकृति का होता है। नौतपा के दौरान ज्यादा लहसुन खाने से पेट में जलन, एसिडिटी और गर्मी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। विशेषकर जिन लोगों को पहले से ही हृदय संबंधी समस्याएं या उच्च रक्तचाप है, उन्हें लहसुन कम खाना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान शकरकंद खाने से कब्ज, गैस और अपच जैसी पेट संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं। रजोनिवृत्ति के दौरान मांस, मछली और अंडे जैसे मांसाहारी खाद्य पदार्थ खाने से भी समस्या हो सकती है। दरअसल, मांस में प्रोटीन और वसा अधिक होती है, जिसे पचने में समय लगता है। गर्मी में मांसाहारी भोजन का अधिक सेवन निर्जलीकरण और थकान का कारण बन सकता है।

इन चीजों से भी बचें

नौतपा के दौरान तले हुए और मसालेदार भोजन से पूरी तरह परहेज करना चाहिए। साथ ही, मसालेदार भोजन शरीर में सूजन बढ़ा सकता है और पेट की अंदरूनी परत को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे हृदय रोग और चयापचय संबंधी समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त, चाय और कॉफी में मौजूद कैफीन निर्जलीकरण का कारण बन सकता है, जो सर्दी के दौरान खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा नौतपा के दौरान शराब और सोडा का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। शराब से शरीर में शीघ्र ही पानी की कमी हो जाती है, जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।