
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में प्रथम वर्ष की छात्रा से गैंगरेप की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कॉलेज प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, छात्राओं की सुरक्षा के लिए कॉलेज में लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की लाइव फुटेज न सिर्फ कॉलेज स्टाफ के पास थी, बल्कि गैंगरेप के मुख्य आरोपी और टीएमसीपी (तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद) से जुड़े छात्र नेता मनोजीत मिश्रा उर्फ मैंगो के मोबाइल फोन में भी थी। यह खुलासा मामले को और गंभीर बनाता है, क्योंकि यह निगरानी के नाम पर दुरुपयोग और कॉलेज कैंपस में सुरक्षा के नाम पर शोषण का सीधा मामला बनता है।
आरोपी के मोबाइल तक सीधी पहुंच
कॉलेज सूत्रों के अनुसार आरोपी छात्र नेता मनोजीत मिश्रा के अलावा कॉलेज के दो अस्थायी कर्मचारियों बिमल सामंत और राजू कहार के मोबाइल फोन पर भी कॉलेज परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरों की लाइव फुटेज मौजूद थी। बताया गया है कि ये दोनों कर्मचारी कैंपस सर्विलांस टीम का हिस्सा थे और इन्हें कैमरों की तकनीकी निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
हालांकि, एक साल पहले किसी कारण से उनके मोबाइल फोन से यह सुविधा हटा दी गई थी। कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नैना चटर्जी ने उन्हें इस संबंध में पत्र लिखकर निर्देश दिया था कि वे अपने मोबाइल फोन से सीसीटीवी एक्सेस हटा लें, लेकिन बड़ा सवाल यह उठता है कि उन्हें यह सुविधा क्यों दी गई? और अगर हटाई भी गई तो क्या इसकी पुष्टि या निगरानी की गई?
इस बारे में पूछे जाने पर उप-प्रधानाचार्य नैना चटर्जी ने इस बात की पुष्टि की कि बिमल और राजू से एक्सेस हटाने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट करने से इनकार कर दिया कि मनोजीत मिश्रा को यह एक्सेस कैसे और किसकी अनुमति से मिला। साथ ही यह भी पता नहीं चल पाया है कि सीसीटीवी कैमरों तक अभी भी अन्य लोगों के मोबाइल की पहुंच है या नहीं। इस संबंध में उप-प्रधानाचार्य ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिससे कॉलेज प्रशासन की भूमिका पर संदेह पैदा हो रहा है।
ब्लैकमेलिंग के आरोप भी सामने आए।
इस मामले में कॉलेज के एक अस्थायी कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर दावा किया कि सीसीटीवी फुटेज का इस्तेमाल कुछ कर्मचारियों द्वारा ब्लैकमेलिंग के लिए भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ छात्रों को डराया-धमकाया गया और उनके निजी पलों पर नज़र रखी गई और फिर उनका अनुचित फ़ायदा उठाने की कोशिश की गई।
फिलहाल जांच अधिकारी पूरे कैमरा नेटवर्क से फुटेज की जांच कर रहे हैं। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि आरोपियों ने इस फुटेज का कितना दुरुपयोग किया।