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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : आम लोगों के लिए यह खबर काफी राहत भरी हो सकती है. अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए मौद्रिक नीतियों में ढील दे रहा आरबीआई अगले महीने यानी जून से दिवाली तक ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत की कटौती पर विचार कर रहा है। खबरों के अनुसार आरबीआई अगले महीने 4 से 6 जून तक समीक्षा बैठक की योजना बना रहा है। इसमें मौद्रिक नीति समिति की ओर से अहम फैसले लेकर लोगों को खुशखबरी दी जा सकती है।

यदि रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए तो आरबीआई समिति की बैठक से पहले ही 0.25 प्रतिशत कटौती पर आम सहमति बन गई है। अगस्त के पहले सप्ताह या सितंबर के आखिरी सप्ताह में होने वाली बैठक में आरबीआई द्वारा रेपो रेट में एक और कटौती संभव है। दिवाली भी 20 अक्टूबर को है। ऐसे में जनता को डिस्काउंट के रूप में आरबीआई का दिवाली गिफ्ट मिल सकता है।

आपको दिवाली का उपहार मिल सकता है।

आरबीआई ने फरवरी में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की थी, जबकि अप्रैल में हुई बैठक के बाद फिर से रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर लोगों को बड़ी राहत दी गई थी। एसबीआई ने इससे पहले अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान आरबीआई द्वारा 125 आधार अंकों तक की बड़ी कटौती की जा सकती है।

इस महीने के पहले सप्ताह में एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि जून और अगस्त में होने वाली बैठकों में करीब 75 आधार अंकों की कटौती देखी जा सकती है, जबकि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी छमाही में भी 50 आधार अंकों की कटौती संभव है।

रेपो दर क्या है?

आरबीआई हर दो महीने में एक बैठक आयोजित करता है, जिसमें नीतिगत मामलों की समीक्षा की जाती है। आरबीआई मौद्रिक नीति समिति के छह सदस्यों में से तीन आरबीआई से हैं जबकि बाकी केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते हैं। वित्तीय वर्ष के दौरान छह बैठकें होती हैं। इसमें बाजार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए रेपो दर का निर्धारण किया जाता है ताकि मुद्रास्फीति और अर्थव्यवस्था नियंत्रण में रहे।

रेपो दर वह दर है जिस पर आरबीआई बैंकों को ऋण देता है। यदि ब्याज दरें कम की जाती हैं तो इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा, क्योंकि तब बैंकों द्वारा दिया जाने वाला कर्ज सस्ता हो जाएगा। इसके साथ ही लोगों के लोन पर EMI भी सस्ती हो जाएगी। घर और कार ऋण भी सस्ते हो रहे हैं।