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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारत समेत कई देशों पर अमेरिका द्वारा लगाए गए जवाबी टैरिफ के 90 दिनों के निलंबन की अवधि 9 जुलाई को समाप्त होने वाली है, जबकि भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते पर चल रही बातचीत अंतिम चरण में है। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने साफ कहा है, ''भारत अपनी शर्तों पर बातचीत करता है और राष्ट्रीय हित हमेशा सर्वोपरि रहेगा।'' अमेरिका के साथ बातचीत पूरी करके भारतीय दल वाशिंगटन से लौट आया है, लेकिन कृषि और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में कुछ मुद्दे अभी सुलझने बाकी हैं।

मुख्य बिन्दु क्या है ?

अमेरिका ने 26 मार्च, 2025 को भारत में निर्मित यात्री वाहनों, हल्के ट्रकों और कुछ वाहन भागों के आयात पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत 'मूल्यानुसार शुल्क' लगाया, जो 3 मई, 2025 से प्रभावी होगा। ट्रंप ने कहा कि टैरिफ अमेरिका के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और वैश्विक व्यापार में दशकों से हो रहे नुकसान की भरपाई के उद्देश्य से लगाए गए थे। हालाँकि, चूँकि ये नियम WTO में पंजीकृत नहीं हैं, इसलिए भारत ने इन्हें GATT 1994 के नियमों और सुरक्षा उपायों के समझौते का उल्लंघन बताया है।

वार्ता की वर्तमान स्थिति

मुख्य वार्ताकार और वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय दल 26 जून से 2 जुलाई तक वार्ता के लिए वाशिंगटन में था। अधिकारियों ने बताया कि वार्ता अंतिम चरण में है और इसके निष्कर्ष की घोषणा 9 जुलाई से पहले होने की उम्मीद है। यह समयसीमा ट्रंप द्वारा लगाए गए प्रतिशोधात्मक शुल्कों की 90 दिन की निलंबन अवधि का आखिरी दिन है।

अधिकारियों ने कहा कि "भारतीय दल वाशिंगटन से लौट आया है, वार्ता जारी रहेगी। कृषि और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में कुछ मुद्दे हैं, जिनका समाधान किया जाना आवश्यक है।" भारत ने डब्ल्यूटीओ की सुरक्षा समिति में ऑटोमोबाइल पर 25 प्रतिशत शुल्क का मुद्दा उठाया है और स्टील तथा एल्युमीनियम पर अमेरिकी शुल्क के जवाब में चुनिंदा अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार भी सुरक्षित रखा है।

भारत का स्पष्ट रुख

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारत की व्यापार नीति पर जोर देते हुए कहा, ''भारत अपनी शर्तों पर बातचीत करता है, विभिन्न देशों के साथ बातचीत चल रही है, चाहे वह यूरोपीय संघ हो, न्यूजीलैंड हो, ओमान हो, अमेरिका हो, चिली हो या पेरू हो।'' उन्होंने जोर देकर कहा, ''मुक्त व्यापार समझौते तभी किए जाते हैं जब द्विपक्षीय लाभ हो और जब सौदा भारत के हितों की रक्षा करते हुए किया जाता है, यह ध्यान में रखते हुए कि राष्ट्रीय हित हमेशा सर्वोपरि रहेगा।''

गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत कभी भी समय-सीमा के आधार पर कोई व्यापार समझौता नहीं करता। भारत तभी किसी समझौते को स्वीकार करता है जब वह अच्छा हो और राष्ट्रहित में हो। यह रुख दर्शाता है कि भारत किसी दबाव में आकर कोई निर्णय नहीं लेगा।

आयात और बातचीत का महत्व: 2 अप्रैल को अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 26 प्रतिशत जवाबी शुल्क लगाया, लेकिन इसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि, अमेरिका द्वारा लगाया गया 10 प्रतिशत मूल शुल्क अभी भी लागू है। भारत अतिरिक्त 26 प्रतिशत शुल्क से पूरी तरह छूट चाहता है।

ये वार्ताएं बहुत महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनका लक्ष्य दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 191 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 बिलियन डॉलर करना है। पिछले साल, अमेरिका ने वैश्विक स्तर पर 89 बिलियन डॉलर मूल्य के ऑटो पार्ट्स का आयात किया, जिसमें भारत का हिस्सा केवल 2.2 बिलियन डॉलर था, जो दर्शाता है कि इस क्षेत्र में विकास की बहुत संभावनाएं हैं।