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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लखनऊ में आतंकी मॉड्यूल से जुड़े सूत्रों ने जांच एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। जानकारी के मुताबिक, डॉ. शाहीन अगस्त महीने में दो दिनों के लिए लखनऊ आई थीं, लेकिन वह अपने पिता के कैसरबाग स्थित घर पर कुछ ही घंटे रुकीं। ज्यादातर समय उन्होंने IIM रोड स्थित अपने भाई डॉ. परवेज के घर पर बिताया। इसके बाद वह वापस फरीदाबाद लौट गईं।

खुफिया एजेंसियों को शक है कि उनका यह दौरा किसी खास मकसद से था और वह अपने भाई के साथ मिलकर कोई महत्वपूर्ण काम अंजाम देकर लौट गईं। एटीएस इस पूरे मामले की तह तक पहुंचने की कोशिश में है।

जांच में यह बात भी सामने आई है कि लखनऊ प्रवास के दौरान डॉ. शाहीन कानपुर भी गई थीं और वहां उन्होंने एक डॉक्टर मित्र से मुलाकात की। दोनों भाई-बहन की ट्रैवल हिस्ट्री खंगाली जा रही है, ताकि पता लगाया जा सके कि विदेश में उनके संपर्क किन-किन कट्टरपंथियों से बने और वहां उनके करीबी कौन से डॉक्टर थे जिनसे वह बाद में भी जुड़े रहे।

सहारनपुर में पकड़े गए डॉ. आदिल की नोटबुक ने जांच को और भी संवेदनशील बना दिया है। इसमें मदरसा छात्रों, डॉक्टरों, मरीजों, कार व प्रॉपर्टी डीलरों के नाम लिखे मिले हैं। अब इन सभी की गहन जांच की जा रही है। देवबंद में पुलिस ने किरायेदारों का घर-घर जाकर सत्यापन शुरू कर दिया है। ऐसा अंदेशा है कि डॉ. आदिल ने एक मेडिकल कॉलेज और एक मदरसे में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों को अपने नेटवर्क में जोड़ने की कोशिश की थी।

एटीएस ने लखनऊ, कानपुर, सहारनपुर और कई अन्य शहरों में डॉ. शाहीन और डॉ. परवेज से जुड़े डॉक्टरों से लंबी पूछताछ की है। उनके पुराने संपर्कों की फिर से जांच हो रही है। सोमवार को 50 से अधिक संदिग्धों से पूछताछ की गई थी और कुछ को दोबारा बुलाया जा सकता है। खासतौर पर ऐसे डॉक्टरों को तलाशा जा रहा है जो पिछले कुछ सालों में निजी मेडिकल कॉलेजों में नौकरी बदल चुके हैं।

इंटरनेट मीडिया पर उनकी ऑनलाइन गतिविधियों की भी निगरानी हो रही है। एटीएस की एक टीम जम्मू-कश्मीर में भी तैनात है, जहां से लगातार सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है। कुछ पुराने मरीजों से भी पूछताछ की गई है, जिन्होंने कभी डॉ. शाहीन या डॉ. परवेज से इलाज कराया था।

दिल्ली में हुए धमाके के बाद दोनों पर शंका बढ़ी। 11 नवंबर को एटीएस और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने लखनऊ में उनके घरों की तलाशी ली थी। इस दौरान तीन कीपैड फोन, एक हार्ड डिस्क और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए। इससे पहले 6 नवंबर को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सहारनपुर से डॉ. आदिल को गिरफ्तार किया था, जिस पर जैश-ए-मोहम्मद समर्थक पोस्टर लगाने का आरोप है।