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Prabhat Vaibhav,Digital Desk :  एक दौर था जब फिल्मों की शूटिंग के लिए फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद मुंबई, हैदराबाद जैसे बड़े शहर होते थे। मगर अब स्थितियां बदल रही हैं और बिहार प्रदेश फिल्मकारों के लिए एक नए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। राज्य सरकार की ओर से लागू की गई फिल्म नीति के कारण प्रदेश का सिनेमा जगत तेजी से बदल रहा है। बिहार की मिट्टी पर बॉलीवुड से लेकर क्षेत्रीय भाषाओं भोजपुरी, मैथिली, मगही की फिल्मों की शूटिंग जोरों पर है।

राज्य में फिल्मों की शूटिंग को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार सरकार ने फिल्म पॉलिसी बनाई है, जिससे फिल्मकारों का रुझान बिहार की ओर तेजी से बढ़ा है। इस नीति के तहत प्रदेश में शूटिंग करने पर निर्माताओं को 4 करोड़ रुपये तक का अनुदान देने की व्यवस्था है, लेकिन इसके लिए आवश्यक है कि फिल्म की 75 प्रतिशत शूटिंग बिहार में ही संपन्न हो।

बिहार बना शूटिंग का प्रमुख स्थल
बिहार के विभिन्न जिलों में इस समय 14 फिल्मों की शूटिंग की मंजूरी मिली हुई है, जिनमें से कुछ फिल्मों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि कुछ फिल्मों का निर्माण अभी जारी है। पटना, नालंदा, गया, रोहतास, दरभंगा, वैशाली, सीतामढ़ी जैसे प्रमुख स्थान शूटिंग के लिए पसंदीदा बन चुके हैं। प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग से स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है, साथ ही स्थानीय कलाकारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं।

वाल्मीकि नगर और जहानाबाद में स्टूडियो स्थापित
प्रदेश में फिल्म शूटिंग के लिए उपयुक्त आधारभूत संरचनाएं भी तैयार की जा रही हैं। वाल्मीकि नगर में प्रदेश का पहला स्थायी फिल्म सेट स्टूडियो बनाया जा रहा है, जहां सागर श्रीवास्तव की हिंदी फिल्म 'टिया' की शूटिंग चल रही है। इसके अलावा जहानाबाद के काको स्थित पाली में अभिनेता-निर्देशक हैदर काजमी ने अपना फिल्म स्टूडियो स्थापित किया है।

ओह माय डॉग में दिखे पंकज त्रिपाठी
बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी की चर्चित फिल्म 'ओह माय डॉग/सेनापति' की शूटिंग पटना समेत राज्य के कई इलाकों में पूरी हो चुकी है। जार पिक्चर फिल्म कंपनी ने शूटिंग में स्थानीय कलाकारों को भी अवसर दिया, जिससे राज्य के रंगमंच को नई पहचान मिल रही है।

कलाकारों को भी राज्य सरकार का सहारा
सरकार फिल्म निर्माण के अलावा बिहार के स्थानीय कलाकारों को भी बढ़ावा देने में जुटी है। प्रदेश के कलाकारों को अभिनय की बारीकियों से अवगत कराने के लिए अभिनय प्रशिक्षक हेमंत माहौर ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में विशेष मास्टर क्लास भी ली। इसके अतिरिक्त पुणे फिल्म संस्थान, सत्यजीत रे फिल्म संस्थान और राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में अध्ययनरत बिहार के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना भी शुरू की गई है, जिससे युवा प्रतिभाएं आगे बढ़ सकें।

जल्द होगा लघु फिल्म महोत्सव
प्रदेश सरकार की ओर से जल्द ही लघु फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रदेश में बनी फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए फिल्मों का चयन कार्य अभी जारी है।

इन फिल्मों को शूटिंग की मंजूरी मिली
'संघतिया' (भोजपुरी), 'द लांग जर्नी होम' (अंग्रेजी-भोजपुरी), 'बिहार का जलवा' (डॉक्यूमेंट्री), 'सुहागिन के सेनूर' (भोजपुरी), 'लाइफ लीला' (वेब सीरीज), 'जिनगी बीतवनी तोहरे प्यार में' (भोजपुरी), 'घर का बंटवारा' (भोजपुरी), 'नारी' (भोजपुरी), 'रजनी की बारात' (हिंदी), 'ओह माय डॉग/सेनापति' (हिंदी), 'टिया' (हिंदी), 'सुगनी' (मगही), 'छठ' (भोजपुरी), 'पेन ब्रश' (हिंदी)।