
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : नेपाल में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। मंगलवार (9 सितंबर) को केपी ओली सरकार के 9 मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफ़ा दे दिया। इन मंत्रियों ने सोमवार को सोशल मीडिया पर प्रतिबंध को लेकर हुए हिंसक जन-विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सरकारी नीतियों और सरकारी कार्रवाइयों को अपने इस्तीफे की वजह बताया है। वहीं, नेपाल के कानून मंत्री अजय कुमार चौरसिया का घर भी नेपाल के बीरगंज में जला दिया गया है।
इस्तीफ़ा देने वाले मंत्रियों में मुख्य रूप से कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और सूचना मंत्रालय से जुड़े नाम शामिल हैं। इनका कहना है कि सरकार ने नागरिकों की आवाज़ दबाने और लोकतांत्रिक अधिकारों का सम्मान न करने के लिए यह कदम उठाया है। इसके अलावा, उप-प्रधानमंत्री ने भी अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उनका इस्तीफ़ा इस बात का संकेत है कि राजनीतिक असंतोष सिर्फ़ कांग्रेस में ही नहीं, बल्कि सरकार के शीर्ष स्तर तक भी फैल गया है।
कई मंत्रियों के आवासों पर पथराव और आगजनी
काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने सीपीएन-एमसी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल, संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग, पूर्व गृह मंत्री रमेश आकाश आदि के आवासों पर पथराव और आगजनी की। मकवानपुर के हेटौडा और पूर्वी मनहारी बाज़ार में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जहाँ प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर पूर्व-पश्चिम राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिससे यातायात बाधित हुआ। पुलिस ने अशांति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए हैं।
प्रधानमंत्री ओली ने सर्वदलीय बैठक बुलाई
नेपाल के प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली ने सोमवार शाम 6 बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। उन्होंने कहा, "मैं स्थिति का आकलन करने और एक सार्थक समाधान निकालने के लिए संबंधित पक्षों के साथ बातचीत कर रहा हूँ। इसी संदर्भ में आज शाम 6 बजे एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई है। मैं सभी भाइयों और बहनों से इस कठिन समय में शांति बनाए रखने का आग्रह करता हूँ।"
काठमांडू में विरोध प्रदर्शन बेकाबू, सेना ने आंसू गैस के गोले दागे
नेपाल की राजधानी काठमांडू में युवाओं द्वारा किया जा रहा सरकार विरोधी प्रदर्शन हिंसक हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर आगजनी की, जिसके बाद सेना ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।