
Prabhat Vaibhav, Digital Desk: पंजाब में ड्रग्स को लेकर राजनीतिक दलों के बीच चल रही बयानबाज़ी अब एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। राज्य के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की डोप टेस्ट की चुनौती को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया है। सोमवार को पंजाब भवन में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चीमा ने स्पष्ट किया कि वह इस चुनौती के लिए तैयार हैं, लेकिन टेस्ट दोनों को एक साथ देना होगा।
चीमा ने विपक्षी पार्टियों पर गंभीर आरोप लगाए कि वे नहीं चाहतीं कि पंजाब नशे से मुक्त हो। उनका कहना था कि कुछ राजनेता जानबूझकर नशा और तस्करी को बढ़ावा देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राजा वड़िंग पंजाब में अफीम की खेती को बढ़ावा देना चाहते हैं, जो सीधे तौर पर नशे को बढ़ावा देने जैसा है।
वित्तमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस और अकाली दल दोनों ने पंजाब को नशे के दलदल में धकेल दिया। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि इन पार्टियों के नेताओं का भी डोप टेस्ट होना चाहिए।
चीमा ने कहा, “राजा वड़िंग अगर चुनौती दे रहे हैं, तो उन्हें मेरे साथ टेस्ट के लिए आगे आना चाहिए।” उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर भी तंज कसते हुए कहा कि लगता है वह अब शिरोमणि अकाली दल में जाने की तैयारी कर रहे हैं, क्योंकि पहले कांग्रेस में थे, अब बीजेपी में हैं और अगला कदम शायद अकाली दल ही होगा।
इस मौके पर उनके साथ कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सौंध भी मौजूद थे। दोनों मंत्रियों ने कहा कि पंजाब सरकार नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और राज्य से नशा पूरी तरह खत्म करने की दिशा में अहम कदम उठाए जा रहे हैं। चीमा ने दावा किया कि ड्रग सप्लाई चेन लगभग खत्म हो चुकी है और आने वाले दिनों में ड्रग माफिया पर कार्रवाई और तेज़ होगी।