Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती करते हुए दिखाती कई तस्वीरें तेजी से वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में गंगा की सुंदरता और घाट पर आरती का दृश्य प्रभावशाली दिखाया गया है।
सच्चाई क्या है:
ये वायरल तस्वीरें एआई जनरेटेड हैं।
पुतिन ने वास्तव में गंगा आरती में भाग नहीं लिया।
सोशल मीडिया पर फैल रहे दावे पूरी तरह असत्य हैं।
अभी तक केवल जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ही पीएम मोदी के साथ गंगा आरती में शामिल हुए हैं।
गंगा आरती का वास्तविक दृश्य:
गंगा घाट की आरती हर शाम होती है।
देश-विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक इसमें शामिल होते हैं।
घाट पर माहौल आध्यात्मिक और आकर्षक होता है।
सतर्कता की आवश्यकता:
एआई तकनीक से बनाए गए चित्र वास्तविकता से परे हैं।
ऐसे वायरल पोस्ट पर बिना पुष्टि के विश्वास न करें।
केवल विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करें।
भ्रामक सूचनाओं का प्रसार समाज में अविश्वास और गलतफहमी पैदा करता है।




