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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : राजद के कद्दावर नेता और संस्थापक लालू प्रसाद यादव एक बार फिर निर्विरोध पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं। यह उनका लगातार 13वां कार्यकाल है। 24 जून को नामांकन वापसी की अंतिम तारीख थी, लेकिन कोई दूसरा उम्मीदवार सामने नहीं आया, जिसके चलते उन्हें पहले ही निर्वाचित घोषित कर दिया गया था। अब 5 जुलाई को राष्ट्रीय परिषद ने इसकी औपचारिक मुहर भी लगा दी।

यह दिन पार्टी के लिए खास रहा, क्योंकि 5 जुलाई 1997 को ही राष्ट्रीय जनता दल की नींव रखी गई थी। यानी लालू के फिर से अध्यक्ष बनने की घोषणा पार्टी के स्थापना दिवस पर हुई।

कार्यकर्ताओं को भरोसा दिलाया
अध्यक्ष बनने के बाद लालू ने कार्यकर्ताओं से कहा, "आपने मुझ पर जो भरोसा जताया है, मैं उस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। टिकट उन्हीं को मिलेगा, जो जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं। संगठन की तरफ से सर्वे चल रहा है, इसलिए अभी से अपने क्षेत्र में काम में जुट जाइए।"

तेजस्वी ने भी स्पष्ट किया टिकट का फार्मूला
राजद के नेता तेजस्वी यादव ने भी साफ कर दिया कि विधानसभा टिकट पाने के लिए नेताओं को मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा, "गणेश परिक्रमा से नहीं, क्षेत्र की परिक्रमा करने वालों को ही टिकट मिलेगा।"

पटना के बापू सभागार में आयोजित इस राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय निर्वाचन पदाधिकारी रामचंद्र पूर्वे और सह निर्वाचन पदाधिकारी चित्तरंजन गगन ने लालू यादव को उनका निर्वाचन प्रमाणपत्र सौंपा।

संकल्प: एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरने का
बैठक में पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं ने मिलकर संकल्प लिया कि आने वाले विधानसभा चुनावों में पूरी ताकत झोंक दी जाएगी और गठबंधन के साथ सरकार बनाने की पूरी कोशिश की जाएगी।

लालू यादव ने कहा, "हमने हमेशा पार्टी को प्राथमिकता दी है, चाहे स्थिति जैसी भी रही हो। हमने कभी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करवाईं और लोहिया की नीतियों को जमीन पर उतारा। अब जब बिहार में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं, तो हमें एकजुट होकर मैदान में उतरना होगा।"

भाजपा-आरएसएस पर तीखा हमला
लालू ने भाजपा और आरएसएस पर भी हमला बोलते हुए कहा कि ये दोनों संगठन संविधान और लोकतंत्र को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने तेजस्वी यादव की खुलकर तारीफ की और कार्यकर्ताओं से अपील की कि तन-मन से तेजस्वी का साथ दें।