img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार (11 अगस्त, 2025) को चुनाव आयोग के नोटिस का हवाला देते हुए कड़ा बयान दिया। कांग्रेस सांसद ने चुनाव आयोग पर वोटों में धांधली का आरोप लगाया था, जिस पर आयोग ने उनसे हस्ताक्षर किया हुआ हलफनामा पेश करने को कहा था। जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि यह डेटा चुनाव आयोग का है, उनका नहीं, तो वह इस पर हस्ताक्षर क्यों करें? उन्होंने इस पूरे मामले को मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है और इसे लोकतंत्र और संविधान की रक्षा की लड़ाई बताया है।

राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर मतदान में धांधली का आरोप लगाने के बाद, आयोग ने उन्हें हलफनामा दाखिल करने का नोटिस भेजा था। इस पर राहुल गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह डेटा चुनाव आयोग का है, जो उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध है, इसलिए इस पर हस्ताक्षर करने की कोई ज़रूरत नहीं है। उन्होंने इस घटना को 'एक से ज़्यादा आदमी, एक से ज़्यादा वोट' जैसी स्थिति बताया और कहा कि यह लड़ाई सिर्फ़ राजनीतिक नहीं है, बल्कि संविधान की रक्षा के लिए है। राहुल गांधी ने भारत गठबंधन के अपने साथी सांसदों का भी धन्यवाद किया है।

चुनाव आयोग का नोटिस और राहुल गांधी का जवाब

राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाने के बाद, आयोग ने उन्हें हस्ताक्षरित हलफनामे के साथ सबूत पेश करने के लिए नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के जवाब में, राहुल गांधी ने संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कहा:

"इस डेटा को अपनी वेबसाइट पर डालिए, आपको पता चल जाएगा। यह सब मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश मात्र है।"

लोकतंत्र और संविधान की सुरक्षा

राहुल गांधी ने इस लड़ाई को राजनीतिक सीमाओं से परे बताया है। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतंत्र की स्थिति चिंताजनक है, जहाँ 300 सांसदों को चुनाव आयोग से मिलकर एक दस्तावेज़ जमा करने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने इस लड़ाई को "संविधान और एक मतदाता, एक वोट" के सिद्धांत की लड़ाई बताया। उन्होंने कर्नाटक में 'एकाधिक व्यक्ति, एकाधिक वोट' जैसी स्थिति का ज़िक्र करते हुए विपक्षी गठबंधन की एकता पर ज़ोर दिया।

हमारे भारतीय गठबंधन सहयोगियों को धन्यवाद।

राहुल गांधी ने वोट चोरी के खिलाफ इस लड़ाई में भारत गठबंधन के सभी साथी सांसदों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट साझा करते हुए इस लड़ाई को लोकतंत्र और वोट के अधिकार की रक्षा की लड़ाई बताया और उम्मीद जताई कि हम सब मिलकर इसमें जीत हासिल करेंगे।