Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार में युवाओं के लिए एक सुनहरा मौका लेकर आई है 'मुख्यमंत्री उद्यमी योजना', जिसने कई नौजवानों की किस्मत बदल दी है। सरकार का यह बड़ा कदम युवाओं को सिर्फ नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि अपना मालिक बनने और दूसरों को भी रोजगार देने वाला बना रहा है।
इस योजना के तहत, सरकार युवाओं को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 10 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद देती है। इसमें सबसे खास बात ये है कि 5 लाख रुपये तो सीधे अनुदान (सब्सिडी) के तौर पर मिल जाते हैं, और बाकी के 5 लाख रुपये बिना किसी ब्याज के वापस करने होते हैं। यह रकम 84 आसान किश्तों में लौटाई जा सकती है, जिससे उद्यमी पर कोई भारी बोझ नहीं पड़ता।
गोपालगंज जिले में ऐसे कई युवाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है और अब वे न केवल खुद आत्मनिर्भर बन गए हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।
ये सभी युवा अब अपने गांव और शहर में रहकर ही अपना कारोबार चला रहे हैं, जिससे न तो उन्हें काम की तलाश में बाहर जाना पड़ रहा है और न ही दूसरों को। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का मकसद सिर्फ पैसे देना नहीं, बल्कि बिहार को आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना राज्य के अंदर ही रोजगार के नए अवसर पैदा कर रही है, जिससे पलायन रुकेगा और बिहार के युवा अपने हुनर को अपनी मिट्टी पर ही निखार सकेंगे। यह सही मायने में एक ऐसी योजना है जो 'रोजगार मांगने वाला' नहीं, बल्कि 'रोजगार देने वाला' बना रही है।
                    
                      
                                         
                                 
                                    



